विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
पाराशरी पाइपलाइन शिफ्टिंग मामले में आपत्ती लगाने वाले शशि कांता जैन, विपिन जैन के निवेदन को न्यायाधीश रावेंद्र कुमार सोनी ने धारा 151 सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत स्वीकार्य योग्य ना मानते हुए इसे निरस्त कर दिया है। इस प्रकरण में नगर पालिका की ओर से पैरवी अधिवक्ता सुरेंद्र भारद्वाज और अरुण व्यास के द्वारा की गई। अधिवक्ता गणों ने बताया कि आपत्ति लगाने वाले शशीकांता जैन विपिन जैन का कहना था कि उनके घर के सामने से खुली पाइप लाइन लगाने पर उन्हें आने जाने में परेशानी होगी एवं उनके वाहन भी उनके भवन तक नहीं पहुंच पाएंगे। खुली पाइप लाइन डालने से दुर्घटनाओं का भी अंदेशा बना रहेगा। पाइपलाइन को अंडर ग्राउंड ले जाने के लिए न्यायालय में प्रकरण के माध्यम से आवेदन लगाकर निवेदन किया था। इसके विपरीत प्रतिवादी द्वारा नगर पालिका द्वारा अपने तर्क में कहा गया था कि
पाईपलाईन उक्त स्थान पर से गुजरी है जहां से आधे से अधिक शहर में पानी की सप्लाई की जाती है। साथ ही नपा अपनी ही भूमि पर पाइप लाइन शिफ्टिंग का काम जनसुविधा को दृष्टि गत रखते हुए कार्य कर रही है। वकीलों ने तर्क में यह भी बताया था कि नगर पालिका अधिनियम की धारा 219, 220, 221 के तहत निवेदन कर्ता का संबंध रेलिंग से है। वादीद्वारा पाईपलाईन के दावे में कोई अभिवचन नहीं किये गये है। इस तरह नपा के वकीलों ने आवेदन निरस्त किये जाने का निवेदन न्यायालय से किया।
न्यायालय ने नपा के वकीलों के तर्क और कागजात से सहमत होते हुए यह माना कि याचिकाकर्ता द्वारा दावे में पाईप लाईन के निर्माण कार्य से संबंधित कोई अभिवचन नहीं किये गये है और न ही इस संबंध में कोई अनुतोष प्रार्थित किया गया है।
न्यायालय ने माना कि प्रतिवादी द्वारा किया जा रहा पाईप लाईन से संबंधित
निर्माण कार्य जमीन से संबधित होकर लागत आधारित योजनाओं की श्रेणी में आता है। साथ ही उल्लेख किया कि न्यायदृष्टांत एम.पी. हाउसिंग बोर्ड विरुद्ध अनिल कुमार 2005 (2) जेएलजे 188 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यह भी अभिनिर्धारित किया गया है कि किन्ही योजनाओं के विरूद्ध व्यादेश देने के मामले में न्यायालय को सावधान व धीमा रहना चाहिए जो लागत पर आधारित हो।
इसलिए उपरोक्त समस्त परिस्थितियों पर विचारोपरांत याचिकाकर्ता द्वारा द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 151 सिविल प्रकिया संहिता स्वीकार योग्य न होने से निरस्त किया जाता है।