मतलब साफ है की जिला चिकित्सालय में प्रसूति महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए 4 घंटे तक लाइन में खड़े रहना पड़ता था। रेडियोओलॉजिस्ट डॉक्टर अठॖया यहां सोनोग्राफी विशेषज्ञ का कार्य संभाल रहे थे। एकाएक उनके कटनी सीएमएचओ पद पर नियुक्ति होने से प्रसूति महिलाओं के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। शासन प्रशासन ने जिला चिकित्सालय में रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना ही इस पद को समाप्त कर दिया। जानकारी अनुसार जिला चिकित्सालय से सोनोग्राफी विशेषज्ञ का पद खत्म करने के पीछे कोई साजिश भी हो सकती है।आपको बता दें कि 4 घंटे लाइन में खड़े होने के बाद प्रसूति महिलाओं को सोनोग्राफी रिपोर्ट 10 से 15 दिनों बाद मिलती है। ऐसे हालातों में प्रसूति महिलाओं के परिजन प्रसूता को निजी सोनोग्राफी केंद्र ले जाने को मजबूर हो जाते हैं। आम जनों ने जिले के संवेदनशील कलेक्टर से इस व्यवस्था को बनाए रखने अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की अपेक्षा की है।