माननीय न्यायालय श्रीमान अतुल बिल्लौरे, न्याायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी गौहरगंज, जिला रायसेन द्वारा आरोपीगण 1. मुफीसउद्दीन पिता नईम उद्दीन, निवासी- सोनागिरी, भोपाल 2. रमेश प्रसाद विश्वकर्मा पिता पंछीलाल, निवासी- औद्योगिक क्षेत्र, मंडीदीप, 3. राजेन्द्रन पिता बी. आर. मुगम, निवासी- बरखेड़ा पठानी, भोपाल 4. कासिम उर्फ कासिफ मुस्तफा पिता अब्दुल कादिर, निवासी- गोलापुरम, चेन्नई (तमिलनाडू) 5. एस.एस. सैय्यद इब्राहिम पिता सिकंदर बाबा, निवासी- अग्गीप्पन बाइकन स्ट्रीट, चेन्नइ, (तमिलनाडू) को वन परिक्षेत्र चिकलोद, वन मंडल, औबेदुल्लागंज, जिला रायसेन (म.प्र) के वन अपराध के मामले में दोषी पाते हुए आरोपीगण को भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा-41 एवं 66ए के आलोक में धारा-42 में एक वर्ष का सश्रम कारावास, अभिवहन (वनोपज) परिवहन नियम, 2000 के नियम-3 के उल्लंघन में उक्त नियम के नियम-22 में एक वर्ष का सश्रम कारावास, लोक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम, 1984 की धारा-3 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500/- (पांच सौ रुपए) का अर्थदंड, जिसके व्यतिक्रम में एक माह का सश्रम कारावास एवं जैव विविधता अधिनियम, 2002 की धारा-7 के उल्लंघन में धारा-55 (2) में तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 9500 /- रुपए (नौ हजार पांच सौ रुपए) का अर्थदंड, जिसके व्यतिक्रम में छः माह का सश्रम कारावास के दंड से दंडित किया गया है।
इस मामले में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी श्री लोकेन्द्र कुमार द्विवेदी, तहसील गौहरगंज जिला रायसेन ने पैरवी की।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि- दिनॉक 12-05-2013 को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को मंडीदीप में लाल चंदन रखे होने की सूचना प्राप्त हुयी जिस पर से वन अधिकारियों सहित एक अधिकृत टीम को सूचना की तस्दीक हेतु वन अधिकारी के.व्ही.एस. यादव के साथ टविस्टर्स एंड विवर्स इण्डस्ट्रीज, इंडस्ट्रीयल एरिया, मंडीदीप, प्लाट नम्बर-92ए सेक्टर, मंडीदीप, के परिसर भेजा गया जिसकी विधिवत तलाशी वन अधिकारियों-कर्मचारियों ने पुलिस बल के सहयोग से की। परिसर पर कम्पनी का चौकीदार रमेश विश्वकर्मा था। तलाशी के दौरान परिसर के अंदर स्थित एक टीनशेड में लगे ताले को चौकीदार को खोलने हेतु कहा गया तो उसके द्वारा बताया गया कि इस ताले की चाबी नहीं है, तब शंकास्पद स्थिति होने पर विधि अनुसार ताला तोडकर जाकर देखा कि एक ट्रक त्रिपाल से ढका हुआ खड़ा था जिसमें ऊपर संतरे भरे थे और नीचे लाल चंदन की लकडियॉं रखीं थी तथा परिसर में लाल एवं सफेद चंदन की लकड़ी काफी मात्रा में रखी मिली। मौके पर उपस्थित चौकीदार के पास रक्तं चंदन के संबंध में कोई वैध अनुज्ञा-पत्र नहीं मिले जिसके बाद प्रकरण दर्ज कर आवश्यक पंचनामा आदि की कार्यवाही की गई। तौल कराने पर लगभग 13 टन रक्तर चंदन वनोपज अवैध रूप से रखा जाना पाया गया। जिसकी बाजार कीमत लगभग दो करोड़ रूपये से भी अधिक थी। रक्त चंदन वनोपज सैम्पल तैयार किया गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि रक्तचंदन तमिलनाडू एवं आंध्रप्रदेश के केवल चार जिलों में पाया जाता है जिसकी बडे पैमाने पर एवं संगठित रूप से देश-विदेश में तस्करी की जाती है। अनुसंधान के दौरान पता चला कि यह रक्त चंदन चैन्नई निवासी मो. कासिम मुस्तफा व सैय्यद इब्राहिम ने मुफीसउद्दीन की सहायता से मंडीदीप में अवैध रूप से रखा था और अरूणमणी तथा राजेन्द्रन मंडीदीप में उनकी ओर से कार्य देख रहे थे तथा कासिम मुस्तफा एवं सैय्यद इब्राहिम भी मंडीदीप आकर रक्तड चंदन का अवैध व्यापार कर रहे थे। यह दोनों अभियुक्तगण संगठित रूप से रक्तं चंदन के अवैध व्यामपार में जुडे हुये एवं काफी प्रभावशाली थे जिन्हेंप गिरफ्तार करने में भी अनैक प्रयास करने पडे थे। इस मामले में वन विभाग के द्वारा अनुसंधान संबंधी आवश्यक कार्यवाही उपरांत आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न कर अभियुक्तगण के विरुद्ध विचारण हेतु परिवाद-पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
शासन की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी ने पक्ष रखते हुए मामले को संदेह से परे प्रमाणित कराया। फलस्वेरूप न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त धाराओं में दंडित किए जाने का आदेश सुनाया।
श्रीमती शारदा शाक्य
मीडिया प्रभारी
जिला रायसेन म0प्र0