कटनी जिले में भी कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर
राज्य शासन ने प्रदेश में मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कटनी जिले में भी कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देश पर मिलावटखोरों के खिलाफ संयुक्त टीमें जांच कर रही हैं और अमानक सामग्री पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए तीन प्रकरणों में न्याय निर्णायक अधिकारी, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी श्री रोमानुस टोप्पो ने अमानक व मिथ्याछाप सामग्री पाए जाने पर मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 में दिए गए प्रावधानों के तहत अर्थदंड की कार्यवाही की है
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी संजय कुमार गुप्ता द्वारा भट्टा मोहल्ला वंशस्वरुप वार्ड जिला कटनी निवासी बालकृष्ण सोनी पिता रामकिशोर सोनी द्वारा अमानक खाद्यय पदार्थ घी का विक्रय करने पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। साथ ही आदेशित किया गया है कि अर्थदंड की राशि निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से 30 दिवस के भीतर जमा कर जमा चालान की कापी संबंधित न्यायालय मे जमा करने के निर्देश दिए गए है। राशि जमा न किए जाने की दशा मे लोक धन शोध अधिनियम के तहत राशि वसूली जाएगी।
इसी प्रकार कटनी गिरजा चौक नई बस्ती निवासी नर्मदा मिश्रा पिता स्व. उमाशंकर मिश्रा द्वारा दिल्ली डेयरी शहीद द्वार नई बस्ती कटनी मे अमानक खाद्यय पदार्थ गाय का दूध एवं पनीर का विक्रय किए जाने के कारण 10 हजार रुपये के अर्थदंड से अधिरोपित किया गया है। साथ ही आदेशित किया गया है कि अर्थदंड की राशि निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से 30 दिवस के भीतर जमा कर जमा चालान की कापी संबंधित न्यायालय मे जमा करने के निर्देश दिए गए है। राशि जमा न किए जाने की दशा मे लोक धन शोध अधिनियम के तहत राशि वसूली जाएगी।
इसके साथ ही एक अन्य प्रकरण में खितौली रोड नं. 06 बरही जिला कटनी निवासी अजीत कुमार सोनी पिता अश्विनी कुमार सोनी प्रोप्राइटर एस मार्ट खितौली रोड वार्ड नंबर 06 बरही को अमानक एवं मिथ्याछाप खाद्यय पदार्थ अजंता स्पाईसेस ब्राण्ड करायल पैक्ड का विक्रय किए जाने तथा खाद्यय पदार्थ की जानकारी नही दिए जाने पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। साथ ही आदेशित किया गया है कि अर्थदंड की राशि निर्धारित ट्रेजरी चालान के माध्यम से 30 दिवस के भीतर जमा कर जमा चालान की कापी संबंधित न्यायालय मे जमा करने के निर्देश दिए गए है। राशि जमा न किए जाने की दशा मे लोक धन शोध अधिनियम के तहत राशि वसूली जाएगी।