आदिवासियों को भाजपा की सरकार ने छला, नहीं मिले समान किसानों की तरह अधिकार।
*15 जुलाई 2023 राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर पन्ना को सौंपा जाएगा ज्ञापन*
*1 अगस्त से 9 अगस्त तक होगा “खूंटा गाडो जमीन जोतो आंदोलन” विश्व आदिवासी दिवस पर होगा समापन।*
पन्ना: आदिवासी दलित क्रांति सेना (बुंदेलखंड) के संयोजक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि यूपीए की कांग्रेस समर्पित सरकार ने वर्ष 2006-07 में वन अधिनियम कानून लागू किया गया था नियम अनुसार जो आदिवासी- बनवासी 13 दिसंबर 2005 के पूर्व से वनभूमि में फसल लगाकर कब्जा किए हुए है उन्हें वन अधिकार पत्रक (पट्टे) देने का प्रावधान था।
बुंदेला द्वारा बताया गया कि आदिवासी- वनवासियों को वन भूमि पट्टे मिल गए उन्हें सरकार की योजनाएं जैसे- प्रधानमंत्री किसान समृद्धि योजना के ₹2000 शासन की विभिन्न योजनाएं बैंक से लोन, मेड बधान, कूपनिर्माण जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही जिससे बनवासी भाई सुचारू रूप से खेती किसानी नहीं कर पा रहा। जब से यह अधिनियम बना है इसमें किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया संगठन मांग करता है कानून में संशोधन किया जाए बनवासी भाइयों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।
बुंदेला द्वारा बताया गया कि केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा की सरकार बेठी है आदिवासी- बनवासीयो के प्रति रुख सही नहीं है सरकार के संरक्षण में कब्जे वाली जमीन से वन विभाग हटा रहा है फसल एवं मकान बुलडोजर से गिराए जा रहे है नया उदाहरण सागर की विधानसभा रेहली में दलितों की मकान गिरा कर बेघर किया गया।
मध्य प्रदेश की सरकार ने पिछले 2 वर्ष पूर्व कुछ पट्टे बाटे जहां पर 30 से 35 आदावासी वन भूमि में काबिज थे वहां पर मात्र दो या तीन पट्टे बाटकर वनवासियों की बीच फूट डालने का काम किया है।
संगठन संयोजक के पी सिंह बुंदेला ने बताया कि संगठन एक सामाजिक संस्था है 15 जुलाई 2023 को की 3 सूत्री मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर पन्ना को ज्ञापन सौंपा जाएगा जिसमें आदिवासी बनवासी सामाजिक कार्यकर्ता एवं गरीबों से सरोकार रखने वाले राजनीतिक दल के साथी भाई शामिल होंगे।
बुंदेला द्वारा बताया गया कि पिछले 25 वर्ष से आदिवासी दलित क्रांति सेना अपनी मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है प्रत्येक वर्ष “खूटा गाडो हल चलाओ आंदोलन” करता आ रहा है इस वर्ष भी बन ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अगस्त से 9 अगस्त तक हल की जोवाड़ी में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाकर 2005 के पूर्व से कब्जे वाली भूमि को जोतेगे एवं फसल लेगे तथा संगठन द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए धरना प्रदर्शन एवं वन अधिकार की जानकारी दी जाएगी 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस में आंदोलन का समापन किया जाएगा।