अंश शुक्ला गोंडा जिला के रहने वाले है।जिन्होंने हाथ से दिव्यांग होकर भी नीट परीक्षा में आल ओवर इंडिया पीडब्ल्यूडी कैटेगरी में 1123 रैंक प्राप्त करके अपने जिले वा परिवार का एमबीबीएस में सलेक्सन प्राप्त कर रोशन किया है । अंशु शुक्ला ने हाई स्कूल वा इंटर की शिक्षा इंदिरापुरम पब्लिक स्कूल से प्राप्त किया है। अंश शुक्ला ने इसका श्रेय अपने माता-पिता और भगवान श्री राम को दिया है इसीलिए आज वह रामलला के दर्शन कर मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। अंशु शुक्ला का कहना है की दिव्यांगता उनकी कमजोरी नहीं है बल्कि वह उनकी ताकत है। उन्होंने कभी भी अपने को दूसरे से अलग नहीं माना है। अंशु शुक्ला का कहना है कि लोगों का व्यवहार निश्चित रूप से उनसे अलग रहा है लेकिन वह कभी निराश नहीं हुए। और यह चीज उनके लिए प्रेरणा साबित हुई जब वह हाई
स्कूल में गए तभी उन्होंने ठान लिया था कि वह देश की सेवा करने के लिए एमबीबीएस में सिलेक्शन लेंगे इसके लिए उनको बड़ी कड़ी मेहनत करनी पड़ी और भगवान के आशीर्वाद से माता-पिता की प्रेरणा से सफलता प्राप्त हुई। उनका कहना है कि जब वह निराश होते थे तो मंदिर में जाकर पूजा अर्चना कर सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करते थे।वही अंश शुक्ला का कहना है कि आत्मबल को मजबूत रखिए सफलता निश्चित रूप से आपके कदम चूमेगी। अंश शुक्ला को सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दाखिला प्राप्त होगा।बता दे कि अंश शुक्ला के पिता राकेश शुक्ला छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे हैं और बीजेपी में पार्टी की सेवा कर रहे हैं वही उनकी माता ममता शुक्ला ग्रहणी हैं जो हमेशा उनको मोटिवेट करती रहती हैं।श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अंश शुक्ला को माला पहनाकर आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा की दिव्यांग लोगों को कभी भी अपने को असहाय नहीं समझना चाहिए उसका सबसे बड़ा उदाहरण अंशु शुक्ला है।अंशु शुक्ला एमबीबीएस की पढ़ाई कर देश की सेवा में अपना विशेष योगदान दें स्वास्थ्य सेवा में रहकर लोगों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें यही सबसे बड़ी पूजा है। एमबीबीएस में सफलता प्राप्त करने के लिए अंशु शुक्ला को बधाई देता हूं।