रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिले के संवेदनशील कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की जनसुनवाई में पिछले दिनों स्कूल की लापरवाही और मनमानी के कारण कक्षा 12वीं की दिव्यांग छात्रा का परिणाम प्रभावित होने की शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी एसपी सिंह बिसेन को जांच के आदेश दिए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी श्री बिसेन ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्रीमती चौहान मैडम को जांच के निर्देश दिए हैं,
जिसमें प्रमुख विषय है कि जब छात्रा को नियमित प्रवेश पत्र जारी किया गया तो फिर उसे प्राइवेट का रिजल्ट क्यों दिया गया ?उक्त मामले की जांच ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर(BEO) सहित संकुल प्राचार्य द्वारा की जानी है। कलेक्टर श्री सिंह को की गई शिकायत में पीड़ित छात्रा रिद्धि रायचंदानी ने बताया कि वह दिव्यांग छात्रा है और कक्षा नौवीं से बारहवीं तक पाणिनी विद्यालय रसूलिया में नियमित छात्रा के रूप में परीक्षा दी है। परीक्षा प्रवेश पत्र नियमित छात्रा का स्कूल से दिया गया परीक्षा केंद्र के लिए। स्कूल में नियमित छात्रा के रुप मे बारहवीं की परीक्षा एमपी बोर्ड से परीक्षा दी है। परीक्षा परिणाम आने के बाद मेरी अंकसूची में नियमित विद्यार्थी के स्थान पर प्राइवेट विद्यार्थी दर्ज कराया है। जबकि मैं रेगुलर छात्रा के रुप में परीक्षा दी है। प्रवेश पत्र में भी रेगुलर छात्रा का दिया है। मैंने स्कूल की फीस भरकर रेगुलर छात्रा के रूप में परीक्षा दिया है। नियमित छात्रा के रूप में प्रायोगिक परीक्षा भी देते हुए सभी आवश्यक रूप में की थी। फाइनल प्रोजेक्ट प्रॉपर जमा किया था । आश्चर्य इस बात का है कि मेरे अंकसूची में पढ़ाई परीक्षा के अंक में ही है । इसी कारण मुझे न्यूनतम अंक की कमी के कारण पूरक परीक्षा आई है और मेरा परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है। इसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है। स्कूल प्रबंधन की घोर लापरवाही व मनमानी के चलते मेरा परीक्षा परिणाम प्रभावित हुआ है जिससे मेरी मानसिक स्थिति खराब हो गई है। मेरा परीक्षा परिणाम सुधारा जावे। स्कूल प्रबंधन द्वारा भी हमारी कोई सुनवाई नहीं की जा रही हैं जबकि मेरा पूरा परिवार दिव्यांग है। मामले को लेकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी श्रीमती चौहान से जानकारी ली गई तो उनके द्वारा अवगत कराया गया कि बुधवार डीईओ द्वारा शिकायत पर जांच के निर्देश दिए गए हैं । संकुल प्राचार्य राजेश शर्मा के पास समय नहीं होने के कारण अब तक जांच नहीं हो सकी है। एक-दो दिन में हम स्वयं संकुल प्राचार्य के साथ स्कूल जाकर दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी को सौंप देंगे। इस बात की भी जानकारी ली जाएगी कि नियमित छात्रा के रूप में फॉर्म भरने पर प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में परीक्षा परिणाम कैसे आया। स्कूल फीस नियमित छात्रा के रूप में ली गई है अथवा प्राइवेट छात्रा के रूप में परीक्षा दिलाई गई है इसकी भी जांच की जाएगी।