रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम । खंडवा निवासी युवक ने मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में उपस्थित होकर अपना शिकायती आवेदन देकर अवगत कराया की साजिश पूर्वक एवं कूट रचित दस्तावेज बनाकर पत्नी के पेट में पल रहे भ्रूण को पेट में ही मार दिया गया कि शिकायत करते हुए कारवाही की मांग की है। युवक की गुहार सुनकर जनसुनवाई में बैठे अधिकारी अचंभित रह गए। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ को इस मामले में जांच के निर्देश भी दिए हैं। पीड़ित युवक ने शिकायत में बताया कि उसका विवाह सीहोर जिले के अंतर्गत हुआ है और पत्नी सहित उसके परिजन होशंगाबाद में ही रहते हैं। उसका विवाह करीब 1 वर्ष पूर्व विधि विधान से हुआ है। शादी के बाद से ही उसकी पत्नी बार-बार मायके और होशंगाबाद चली जाती थी। जिसके कारण उनका आए दिन वाद विवाद होते रहता था। उसकी पत्नी का कहना था कि शादी उसकी मर्जी से नहीं हुई है उसकी शादी जबरदस्ती कराई गई है। मुझे ज्यादा परेशान किया तो पूरे परिवार को दहेज प्रताड़ना और झूठे प्रकरण में फंसा दूंगी। युवक ने अवगत कराया कि उसकी पत्नी गर्भवती हुई तो वह बच्चा गिराने की कोशिश करने लगी। समझाने पर भी वह बच्चा नहीं पैदा करने की जिद पर अड़ी रही।जिसके बाद उसकी पत्नी अपने मायके चली गई। जिसके बाद 03 मार्च 2023 को होशंगाबाद के एक निजी अस्पताल में बुलाया और परिजनों ने बताया कि बच्चा 18 सप्ताह से पेट में ही मर गया था और महिला की जान बचाने के लिए हमने ऐसा किया है। वहीं आवेदक युवक का कहना है कि उसने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मूंदी में 19 जनवरी 23 को पत्नी की जांच करवाई थी। जिसमें जच्चा बच्चा दोनों पूर्ण रूप से स्वस्थ बताए गए थे। उस वक्त अवगत कराया गया था कि साढे 5 माह का गर्भ है और 3 मार्च 23 को भ्रूण हत्या करा दी गई और बताया गया कि 18 सप्ताह से महिला के पेट में बच्चा मर चुका था। जबकि मूंदी स्वास्थ्य केंद्र और होशंगाबाद हॉस्पिटल की जांच में केवल 1 माह 13 दिन का अंतर है और महिला के परिजनों का कहना कि 18 सप्ताह से पेट में बच्चा मरा हुआ था जो असंभव है। युवक का आरोप है कि यह पूरी सोची समझी साजिश के तहत भ्रूण हत्या की गई है। इसकी निष्पक्ष जांच होकर दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही की जानी चाहिए। इस पूरे मामले में की गई शिकायत से एक निजी चिकित्सालय की महिला चिकित्सक पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। पीड़ित युवक का कहना है कि उसने पुलिस में भी शिकायत की है परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई है। कलेक्टर द्वारा पूरे मामले की जांच सीएमएचओ को सौंपी गई है।अब देखना यह है कि युवक द्वारा की गई शिकायत में कितनी सत्यता है? फिलहाल कलेक्टर की जनसुनवाई में भ्रूण हत्या जैसी घटना की शिकायत पहुंचना अपने आप में एक गंभीर विषय है। जिसे कलेक्टर द्वारा गंभीरता से लिया गया है।