कटनी। “जहां चाह, वहां राह” कहावत एक बार फिर कटनी जिले में चरितार्थ होती नजर आ रही है, और जब इस चाहत को साकार करने का बीड़ा जनता ने भी उठा लिया हो तो फिर इसे हकीकत में बदलने से कौन रोक सकता है। हम बात कर रहे हैं कटनी जिले में एक वर्ष के भीतर अति कुपोषित बच्चों की संख्या में आई 72 प्रतिशत से भी अधिक कमी की।
*जिले में अब महज 168 बच्चे अतिकुपोषित*
शासन के प्रयासों के तहत जिले को कुपोषण मुक्त बनाने चल रही मुहिम की कमान कटनी कलेक्टर अवि प्रसाद ने 6 माह पूर्व संभालते ही इसमें जनता को जुड़ने आह्वान किया। कलेक्टर की प्रेरणा
से उनके संवेदनशील प्रयासों में अपनी भागीदार निभाने कई सामाजिक संगठन, औद्योगिक संगठन, उद्योगपति और समाजसेवी आगे आए। और इन्ही सम्मिलित प्रयासों का नतीजा है कि जिले में अब महज 168 कुपोषित बच्चे बचे हैं। जबकि 1 मई 2022 को जिले में अति कुपोषित बच्चों की संख्या 616 थी। प्रशासनिक प्रयासों और जनभागीदारी से इस अवधि दौरान 448 बच्चों को कुपोषण की पकड़ से बाहर निकालकर पूरी तरह स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया जा चुका है।
*ये है परियोजनावार स्थिति*
गत एक वर्ष में बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम अंतर्गत जिले की परियोजनावार स्थिति अनुसार बड़वारा में 92 पंजीकृत अतिकुपोषित बच्चों में से 58, बहोरीबंद में 103 में से 87, ढीमरखेड़ा में 122 में से 90, कटनी शहरी में 52 में से 42, मुड़वारा में 45 में से 26, रीठी में 96 में से 64 और विजयराघवगढ़ में 106 में से 81 बच्चे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। जिले में कुल ठीक होने वाले बच्चों का प्रतिशत 72.73 है।
*पूरा श्रेय जनता को, आप भी बने भागीदार: कलेक्टर*
जिले में अतिकुपोषित बच्चों की संख्या में आई 72 फीसदी से अधिक कमी के लिए कलेक्टर श्री प्रसाद ने इसका पूरा श्रेय जनता को देते हुए कहा कि यह जनसहयोग का ही परिणाम है कि जिले में कुपोषण के खिलाफ मुहिम के इतने सार्थक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि अभी भी इस दिशा में काफी सफर तय करना है। कलेक्टर श्री प्रसाद ने अपील करते हुए कहा कि आप भी जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने के लिए चलाई जा रही मुहिम में साथ देकर प्रशासन के हाथ मजबूत करें। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी उनके प्रयासों के लिए बधाई दी। *कुपोषण के खिलाफ जंग में नन्हें हाथ भी करेंगे प्रशासन की मदद*
देश से कुपोषण को मिटाकर पोषित और स्वस्थ समाज बनाने की दिशा में शासन द्वारा चलाए जा रहे अभियान में छोटी सी उम्र के बावजूद संवेदनशीलता और समर्पण का परिचय देते हुए अपनी बचत की राशि समर्पित करने की मंशा जाहिर कर सेवा भावना की मिसाल कायम कर चुके भाई बहन ने एक बार फिर कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद को पत्र लिखा है। मासूमियत भरे इस पत्र में केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 1 एसटीसी जबलपुर की कक्षा 3 की छात्रा अभिश्री चौकसे और उसके भाई कक्षा 7 वी के छात्र दिव्य ने उन्हें प्रोत्साहित करने और स्कूल असेंबली उनका सम्मान किए जाने पर कलेक्टर श्री प्रसाद का धन्यवाद दिया है। कुपोषण के खिलाफ जंग में इन नन्हें हाथों के भी शामिल होने पर कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद भावुक और जीत को लेकर आश्वस्त हो उठे।
*हमारी बचत राशि को स्वीकार कर लीजिए कलेक्टर सर*
नन्हीं सी उम्र में पीड़ित मानवता के प्रति संवेदनशील और सेवा भावना से ओत प्रोत अभिश्री और उसके भाई दिव्य ने कलेक्टर श्री प्रसाद को लिखे पत्र में उनका धन्यवाद करने के साथ उसकी बचत राशि को स्वीकार करने की गुजारिश भी की। साथ ही कुपोषित बच्चों की मदद के लिए वो और क्या कर सकते है, इसके लिए कलेक्टर श्री प्रसाद से मार्गदर्शन भी मांगा है।
*कलेक्टर ने फिर सराहा, कहा लोगों को करें जागरूक*
पीड़ित मानवता की सेवा के प्रति नन्ही सी उम्र में दोनों बच्चों में इतनी अधिक संवेदनशीलता और समर्पण से अभिभूत कलेक्टर श्री प्रसाद ने एक बार फिर दोनों बच्चों को पत्र लिखकर उनके विचारों और प्रयासों को सराहा है। उन्होंने दोनों बच्चों को संबोधित करते हुए लिखा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि स्कूल द्वारा उनका सम्मान किया गया और उनके योगदान की कहानी को असेंबली में बताकर दूसरे बच्चों को भी प्रेरित किया गया। उन्होंने दोनों बच्चों की मंशा का सम्मान करते हुए उनकी बचत राशि के आग्रह को स्वीकार करते कहा कि आपके प्रयास से लोगों को जिम्मेदार नागरिक और एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने पत्र के माध्यम से बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए कुपोषित बच्चों की मदद के लिए इस विषय में लिखकर और चर्चा कर लोगों को प्रेरित करने की बात कहते कलेक्टर श्री प्रसाद ने लिखा कि इस तरह से आप अधिक से अधिक लोगों में अलख जला सकते हैं, साथ ही कुपोषण के खिलाफ जंग में प्रशासन के सहभागी बनने प्रेरित कर सकते हैं। कलेक्टर ने दोनों बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।