गंज बासौदा से मुकेश चतुर्वेदी
गंज बासौदा पाप पुण्य का लेखा जोखा रखने वाले कायस्थों के आराध्य भगवान चित्रगुप्त जी प्रकटोत्सव समाज बंधुओं ने धूम धाम से मनाया।
देवनागरी वेहलोट स्थित भगवान चित्रगुप्त जी के मंदिर की समाज के लोगों ने आकर्षक साज सज्जा की। सांयकाल को सभी समाज वधुओं ने अपने आराध्य भगवान के प्रकटोत्सव के अवसर पर उनकी कथा का श्रवण करते हुए शिव नारायण सक्सेना ने बताया कि वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व बुधवार 27 अप्रैल को मनाया जा रहा है। इसी दिन चित्रगुप्त प्रकटोत्सव/ चित्रगुप्त जयंती पर्व भी मनाया जा रहा है। चित्रगुप्त जयंती का त्योहार कायस्थ वर्ग में अधिक प्रचलित है।
क्योंकि चित्रगुप्त जी को वह अपना ईष्ट देवता मानते हैं। दरअसल भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रह्मा के अंश से हुआ है। वह यमराज के सहयोगी हैं। जो जीव जगत में मौजूद सभी का लेखा-जोखा रखते हैं। जब यमराज ने अपने सहयोगी की मांग की, तो ब्रह्माजी की हजार वर्ष की तपस्या के बाद उनकी काया से चित्रगुप्त जी हुए इसलिए ये कायस्थ कहलाए और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा।
भगवान चित्रगुप्त जी के हाथों में कर्म की किताब, कलम, दवात है। ये कुशल लेखक हैं और इनकी लेखनी से जीवों को उनके कर्मों के अनुसार न्याय मिलता है। इस अवसर पर कायस्थ समाज विकास कल्याण समिति के अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव, महिला अध्यक्ष आरती श्रीवास्तव, तेज नारायण श्रीवास्तव, कैलाश नारायण श्रीवास्तव, हरिकिशोर श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव, मनोज श्रीवास्तव, प्रदीप श्रीवास्तव, शैलेंद्र सक्सेना, अभिनय श्रीवास्तव, रेखा श्रीवास्तव, सरीना माथुर, उर्मिला श्रीवास्तव , स्नेह लता श्रीवास्तव, प्रियंका माथुर, अर्चना माथुर, रेखा श्रीवास्तव, प्रियंका श्रीवास्तव, सोनिया माथुर सहित अनेक लोग उपस्थित थे।