कटनी – राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए नवीन योजनाऐं भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना एवं टंटया मामा आर्थिक कल्याण योजना प्रारंभ की गई है
भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना
जनजातीय कार्य विभाग के जिला संयोजक नें बताया कि भगवान बिरसा मुण्डा स्वरोजगार योजना के अंतर्गत रूपये 1 लाख से 50 लाख रूपये तक की उद्योग परियोजनाऐं जैसे एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग इसी प्रकृति की अन्य परियोजनाएं के साथ ही सेवा इकाई एवं खुदरा व्यवसाय जैसे ब्यूटीपार्लर वाहन मरम्मत, फुटवेयर मरम्मत किराना व्यवसाय, कपड़ा व्यवसाय हेतु परियोजना राशि 1 लाख से 25 लाख रूपये तक प्रदान की जाती है।
योजना के तहत निर्धारित उम्र 18 से 45 वर्ष के साथ ही शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम 8 वीं कक्षा उत्तीण निर्धारित होनें के साथ ही परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
योजना के तहत वित्तीय सहायता – ब्याज अनुदान अनुसूचित जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित तथा शेष आउट स्टेंडिंग ऋण (टर्म लोन एंड वर्किंग) पर 5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अनुदान, अधिकतम 7 वर्षाे तक (मोरेटोरियम अवधि सहित) नियमित रूप से ऋण भुगतान (निर्धारित समय एवं राशि) की शर्त पर दिया जावेगा। योजनांन्तर्गत म.प्र. शासन द्वारा गारंटी फीस देय होगी।
टंटया मामा आर्थिक कल्याण योजना
टंटया मामा आर्थिक कल्याण योजना के अंतर्गत स्वरोजगार परियोजनाएं हेतु 10 हजार से रूपये 1 लाख रूपये का ऋण प्रदान किया जायेगा। जिसके लिए पात्रता 18 से 55 वर्ष की आयु के साथ ही आवेदक का आयकर दाता न होना आवश्यक है।
योजना के तहत वित्तीय सहायता के अंतर्गत ब्याज अनुदान अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों को बैंक द्वारा वितरित एवं शेष (आउटस्टेंडिंग ) ऋण ( टर्म लोन एंड वर्किंग ) पर 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से अनुदान, अधिकतम 5 वर्षों तक (मोरेटोरियम अवधि सहित ) नियमित रूप से ऋण भुगतान (निर्धारित समय एवं राशि ) की शर्त पर दिया जावेगा एवं म.प्र. शासन द्वारा गारंटी फीस देय होगी।
योजनाओं के तहत https://samast.mponline.gov.