मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने समाज के आखिरी छोर के वर्गों के लिये अनेक कल्याणकारी योजनाएँ लागू की हैं। एकलव्य शिक्षा विकास योजना उनमें से एक है।
अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर ने बताया कि ‘एकलव्य शिक्षा विकास योजना’ में वन क्षेत्रों में निवासरत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के होनहार बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों में प्रवेश और उनके शिक्षा व्यय की प्रतिपूर्ति की जाती है। एकलव्य शिक्षा विकास योजना में तेन्दूपत्ता संग्राहक के लिए यह जरूरी है कि पिछले 5 वर्ष में से कम से कम तीन वर्षों में न्यूनतम एक मानक बोरा तेन्दूपत्ता का संग्रहण किया गया हो। फड़ मुंशी और समिति प्रबंधक द्वारा कम से कम तीन वर्षों में तेन्दूपत्ता सीजन में कार्य करने पर तेंदूपत्ता संग्राहक के बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता दी जाती है। बच्चों को योजना का लाभ लेने के लिए पिछली वार्षिक परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। इस सहायता योजना में व्यवसायिक कोर्स के विद्यार्थियों को वार्षिक 50 हजार रूपये दिए जाते हैं। गैर तकनीकी स्नातक विद्यार्थियों को 20 हजार रूपये, कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को 15 हजार रूपये और कक्षा 9वीं एवं 10वीं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को 12 हजार रूपये की वार्षिक सहायता दी जाती है ।