रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिला मुख्यालय नर्मदापुरम की नगर पालिका परिषद के जवाबदार अधिकारी शहर में अवैध रूप से लगाए गए हॉर्डिंग्स के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहे है। जिससे नगर पालिका को लाखों रुपए की राजस्व हानि का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। शहर में लगे अवैध होर्डिंग्स को लेकर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से वरिष्ठ पत्रकार राजीव अग्रवाल द्वारा जनसुनवाई में शिकायत कर अवैध होर्डिंग के खिलाफ कार्यवाही सहित राजस्व वसूली की मांग की गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने इस संबंध में जब नपा सीएमओ नवनीत पांडे से पूछा तो उन्होंने बताया कि शहर मे लगे हुए होर्डिंग्स की कोई परमिशन नहीं है ।
अवैधानिक रूप से लगे हुए हैं। कलेक्टर द्वारा कार्यवाही के निर्देश दिए है। वरिष्ठ पत्रकार राजीव अग्रवाल द्वारा अपनी शिकायत में अवगत कराया गया कि शहर में बड़ी संख्या में अवैध होर्डिंग्स लगे होने से नगरपालिका को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उक्त संबंध में उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका भी लगाई जा चुकी है। नगर पालिका को अवैध होर्डिंग से लाखों रुपए की राजस्व हानि भी हो रही है। जबकि मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन द्वारा नवंबर 2019 में समस्त कमिश्नर सहित कलेक्टर को भी निर्देशित किया गया था कि नगरी क्षेत्रों में अवैध रूप से लगे विज्ञापन, होर्डिंग्स आदि के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाए, उक्त कारवाही सात दिवस में पूर्ण कर निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। वहीं वर्ष 2020 में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने शहर के सभी अवैध होर्डिंग्स को हटाने के आदेश नगर पालिका को दिए थे। नर्मदापुरम नगर में अवैध होर्डिंग हटाने की कार्यवाही नगरपालिका के जवाबदारो ने किस स्तर पर की है? यह पूरे शहर में लगे हुए होर्डिंग्स स्वयं बयां करते हैं हकीकत? जबकि नगरी क्षेत्र में होर्डिंग लगाने के लिए 28 मार्च 2017 मध्यप्रदेश राजपत्र के अनुसार “मध्यप्रदेश आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम 2017” के अनुसार अनुमति लिए जाने का प्रावधान है। जब कभी कोई आदेश निर्देश आते हैं तो नगर पालिका प्रशासन कागजी खानापूर्ति कर कर्तव्यों की इतिश्री कर लेता है। आश्चर्य का विषय है कि पूरे शहर में अवैध होर्डिग्स का मकड़जाल फैला हुआ है लेकिन नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारी कार्यवाही करने से कतरा रहे हैं। सूत्रों की माने तो होर्डिग्स के इस कारोबार में कुछ रसूखदार पार्षद और पूर्व पार्षद भी शामिल है यही कारण है कि नगरपालिका के जवाबदार अधिकारी राजनैतिक दबाव के चलते हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।
जिसके चलते नगर पालिका प्रशासन भी कार्यवाही नहीं कर पा रहा है और नगर पालिका को लाखों की राजस्व हानि उठानी पड़ रही है। गजब तो तब है जब नगर पालिका परिषद का गठन अगस्त 2022 में होने के बाद भी अवैध होर्डिग्स को लेकर कोई निर्णय नहीं ले सके है, जिससे नगरपालिका की राजस्व आय में बढ़ोतरी हो सके? जनसुनवाई में हुई शिकायत के उपरांत कलेक्टर द्वारा सीएमओ नवनीत पांडे को अवैध होर्डिग्स हटाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। फिलहाल कलेक्ट्रेट से नगर पालिका में पत्र पहुंचने के बाद से खासी हलचल शुरू हो गई है। पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 6 से भाजपा पार्षद राजेंद्र उपाध्याय ने भी सीएमओ से मुलाकात कर उनके वार्ड में लगे हॉर्डिंग्स हटाने की मांग करते हुए लिस्ट सौंपकर अवगत कराया कि सड़क किनारे,भवन किनारे, बिल्डिंग के ऊपर लगे होर्डिग्स से कभी भी आंधी, तूफान, बारिश में बड़ी दुर्घटना हो सकती है उसके लिए जवाबदार कौन होगा? पाल शिकायत के बाद से अवैध होर्डिंग को लेकर मचा हुआ है बवाल। जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने के चलते हैं दबाव में। अवैध होर्डिंग पर जल्दी चल सकता है प्रशासन का बुल्डोजर।