सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। संभाग मुख्यालय की भाजपा शासित नगरपालिका में नगर पालिका अध्यक्ष नीतू महेंद्र यादव के निजी पीए कपिल चौहान द्वारा केंद्र शासन द्वारा संचालित ई गवर्नेंस के अंतर्गत वैध अनुमति से वर्ष 2020 से अनुसूचित जाति वर्ग के राहुल नामदेव वानखेड़े द्वारा नपा कार्यालय में आधार केंद्र संचालक कक्ष पर ताला जड़ दिए जाने सहित अभद्रता और गाली गलौज का मामला अब गरमा गया है। पूरे मामले को लेकर नगर पालिका की हो रही किरकिरी के बीच नपा में पार्षद एवं नेता प्रतिपक्ष अनोखेलाल राजोरिया ने सोमवार दोपहर नपा सीएमओ नवनीत पांडे से सवाल किया कि कलेक्टर के निर्देशानुसार संचालित योजना के आधार केंद्र पर कैसे एक बाहरी व्यक्ति ने ताला लगाया? क्या उसे शासकीय कार्यालय के कक्ष में ताला लगाने का अधिकार है? जब कलेक्टर के आदेश पर आधार केंद्र शुरू किया गया है तो फिर बिना उनकी जानकारी के कैसे हटाया जा रहा है? इस मामले में निष्पक्ष जांच होना चाहिए, यदि आधार केंद्र संचालक की गलती है तो उसे नगरपालिका के जवाबदार अधिकारी कर्मचारियों के माध्यम से दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए। सीएमओ नवनीत पाण्डे द्वारा अवगत कराया गया कि अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में संबंधित को हमने नोटिस दिया है। आधार केंद्र ऑपरेटर द्वारा अध्यक्ष महोदया से अभद्रता किए जाने की जानकारी मिली थी, कुछ पार्षदों ने भी शिकायत की थी। किंतु हमने ताला लगाने संबंधी कोई निर्देश किसी को नहीं दिए थे। इस दौरान पूर्व पार्षद तेज कुमार गौर ने भी आपत्ति दर्ज कराई कि बाहरी व्यक्ति द्वारा कैसे आधार केंद्र ऑपरेटर के साथ अभद्रता की गई और ताला लगाया किसके आदेश पर लगाया? जबकि पूर्व में सफाई कर्मचारियों द्वारा अपने वेतन मांग को लेकर नपा गेट पर ताला लगाए जाने पर नगर पालिका द्वारा चार कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।तब इस मामले में संज्ञान क्यों नहीं लिया जा रहा? इस दौरान वहां उपस्थित पार्षद राजेंद्र उपाध्याय, पार्षद बंटी परिहार , पूर्व पार्षद सेठी चौकसे ने भी आपत्ति दर्ज कराई कि बाहरी व्यक्ति कैसे नगर पालिका के कार्यों में हस्तक्षेप कर सकता है जब परिषद की पीआईसी की बैठक में पार्षद पतियों को मना किया गया तो फिर निजी पीए किस आदेश के तहत बैठक में शामिल हो रहा है? मीडिया को भी बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया। तब सीएमओ द्वारा अवगत कराया गया कि बैठक में शामिल होने के दिशा निर्देशन भी हैं जिसमें पूर्व पार्षद एवं मीडिया शामिल नहीं हो सकती है। इस विषय को लेकर भी काफी गहमागहमी रही। मौजूद पत्रकारों ने आक्रोश जाहिर किया कि पीआईसी की बैठक में पत्रकारों को अंदर नहीं जाने दिया गया, तो निजी पीए किस हैसियत से बैठक में शामिल किए गए? दूसरी तरफ इस घटना के बाद से यह बात भी जन चर्चा में आ रही है कि अनुसूचित जाति के इस ऑपरेटर को हटाकर आधार केंद्र अपने किसी चहेते को दिए जाने यह पूरा विवाद चल रहा है। पूरी घटना में यह बात अब चर्चा में है कि आखिर बाहरी आदमी जो नपा अध्यक्ष का निजी पीए भी है तो कैसे नगर पालिका में संचालित आधार केंद्र कक्ष में ताला लगा सकता है? जिसके द्वारा इस घटना के पूर्व नपा के अधीक्षक कक्ष से मीडिया को दिए जाने वाले निविदा विज्ञापन का रोस्टर रजिस्टर जो कि कलेक्टर के दिशा निर्देशन में तैयार किया गया है उसे वह किसके आदेश पर उठाकर ले गया था? जिसको लेकर पत्रकारों ने पूर्व में ही अपना आक्रोश दर्ज करा चुके हैं। घटना को लेकर आधार केंद्र ऑपरेटर शिकायतकर्ता राहुल नामदेव वानखेड़े पिता नामदेव वानखेड़े निवासी ने कोतवाली थाना प्रभारी सहित अजाक थाने में की गई शिकायत में बताया है कि वह कलेक्टर के दिशा निर्देशन पर एमपी ऑनलाइन मध्य प्रदेश के लिखित आदेश के उपरांत विगत वर्ष फरवरी 2019 से नगर पालिका परिषद नर्मदापुरम में आधार केंद्र का संचालन कर रहा हूं । शिकायत के अनुसार 18 मार्च 2023 को लगभग शाम 6 बजे कपिल चौहान नामक व्यक्ति आधार केंद्र में आता है एवं मुझे नगर पालिका परिषद अध्यक्ष का पी.ए. बताते हुए आधार केंद्र खाली करने को कहता है। मेरे द्वारा मना किए जाने पर कपिल चौहान आग बबूला होते हुए मुझे जाति सूचक शब्द बोल कर गाली गलौज करते हुए एवं जान से मारने की धमकी देते हुए आधार केंद्र रूम में अपना निजी ताला लगा दिया एवं यह कहते हुए गया कि अगर 24 घंटे में आधार केंद्र खाली नहीं किया तो केंद्र में स्थित सामग्री में आग लगा दूंगा। उपरोक्त सामग्री के साथ-साथ मुझे भी कपिल चौहान से सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है। सोमवार को केंद्र में ताला लगा हुआ था लगभग दोपहर 1बजे केंद्र का ताला खोला गया। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं आधार कार्ड अपडेशन के लिए परेशान होती रही। मुझ पर आधार केंद्र खाली कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मेरी झूठी शिकायते कराई जा सकती है। मैने न्याय की गुहार लगाई है। और बताया की अभी तक मेरी शिकायत पर पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई है।