सुहागन महिलाओं ने गणगौर का पर्व………
पूजा-अर्चन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम कर बड़े ही हर्ष और उल्लास से मनाया।
गंज बासौदा से मुकेश चतुर्वेदी
गंजबासौदा। त्योदा रोड़ स्थित होटल राजेश्वरी पैलेस में सात सहेलियां एंड गुरुप द्वारा गणगौर का पर्व हाऊजी व रंगारंग कार्यक्रम आयोजित कर मनाया।
जिसमें श्रीमती रीना सुहाने, श्रीमती आरती अग्रवाल, श्रीमती मनीषा गोयल, श्रीमती सुरभि साहू, श्रीमती सोना अग्रवाल, श्रीमती निकी अग्रवाल, श्रीमती तृप्ति अग्रवाल प्रमुख रही।
गणगौर का त्यौहार सुहागन महिलाओं का महत्वपूर्ण त्यौहार माना गया है। मान्यता है कि सौलह दिनों तक मनायें जाने वाले इस गणगौर त्यौहार में पूजा अर्चन और व्रत करने वाली सुहागन महिलाओं को सदा सुहागन का वरदान और कुंवारी लड़कियों को गणगौर पूजा करने से इच्छित वर प्राप्ति होती है।
श्रीमती रीना सुहाने ने बताया कि प्राचीन समय माता पार्वती ने भगवान शंकरजी को वर के रूप में पाने के लिए बहुत तपस्या और व्रत किए, तब जाकर भगवान शिव ने माता पार्वती से वरदान मांगने को कहा, वरदान में माता पार्वती ने भगवान शंकरजी को ही वर के रूप में पाने की इच्छा व्यक्त की। तब जाकर माता पार्वती की इच्छा पूरी हुई, और मां पार्वती का विवाह भोलेनाथ के संग संपन्न हुआ।
श्रीमती आरती अग्रवाल, श्रीमती मनीषा गोयल व श्रीमती निकी अग्रवाल ने बताया कि ऐसी मान्यता रही है कि भगवान शंकरजी ने इस दिन माता पार्वती को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान दिया था। जो इस दिन माता पार्वती और शंकरजी की विधि विधान से पूजा अर्चन और व्रत रखेंगी। उन्हें इस व्रत की मान्यतानुसार कुंवारी लड़कियां गणगौर की पूजा करती है तो उन्हें मनपसंद वर की प्राप्ति होती है। और सुहागन महिलाएं यदि गणगौर का व्रत रखती है तो उन्हें पति प्रेम मिलता है और पति की लंबी आयु होती है।
श्रीमती तृप्ति अग्रवाल, श्रीमती सुरभि साहू व श्रीमती सोना अग्रवाल ने बताया कि इस व्रत को सामूहिक रूप से सौलह दिनों तक पूजन अर्चन कर, इस व्रत को किया जाए तो गणगौर माता कुंवारी लड़कियों एवं सुहागन महिलाओं को मनपसंद वर एवं अपने सुहाग को लंबी उम्र की प्राप्ति होती है।
इस अवसर पर हाऊजी व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर मनाया गया। जिसमें मां और बेटी ने साथ में डांस किया। कार्यक्रम में सात सहेलियां के डांस की सभी उपस्थित लोगों ने बहुत सराहना की। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती रीना राकेश सुहाने ने किया। इस अवसर पर बच्चे और महिलाएं बड़ी संख्या में मौजूद रही।