पंडित विशाल दीक्षित जी बताते है कि इस बार भद्राकाल के कारण होलिका दहन शुभ समय को लेकर लोग संशय मे है वही प्रतिपदा तिथि को लेकर होली की डेट मे भी उलझन में है होली का त्यौहार फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अगले दिन मनाया जाता है,दरअसल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली दहन मानाया जाता है इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है
होलिका दहन के अगले दिन यानी कि 08 मार्च 2023, बुधवार को रंग खेलने वाली होली मनाई जाएगी. इस पर्व का जश्न लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और गले मिलकर मनाते हैं।
कब है होलिका दहन
भद्राकाल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए. इसके लिए भद्राकाल समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए. होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि जरूरी है. हिंदू धर्म में भद्रा को अशुभ माना जाता है. इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है।
पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो जाएगी और 7 मार्च 2023 मंगलवार 06:09 मिनट तक रहेगी. लेकिन होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ समय 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट तक है. इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी,स्मृतिसार नामक शास्त्र के मुताबिक जिस वर्ष फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि दो दिन के प्रदोष को स्पर्श करे, तब दूसरी पूर्णिमा यानी अगले दिन में होली जलाना चाहिए. इस बार भी पूर्णिमा तिथि 6 मार्च और 7 मार्च दोनों दिन प्रदोष काल को स्पर्श कर रही है, ऐसे में 7 मार्च को होलिका दहन करना शुभ होगा।