कटनी फाइलेरिया उन्मुक्तिकरण के लिए जन जागरूकता लाने कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा किए गए नवाचार का सार्थक परिणाम सामने आया है। उल्लेखनीय है कि नवाचार के रूप में जिले में पहली बार फाइलेरिया जागरूकता ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा कराया गया था, जिसमें जिले की पढ़ी लिखी शहरी जनता के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़े तबके के सभी आयु वर्ग के लोगों ने भाग लिया। जिससे इस अभियान को सार्थकता मिल सकी और आमजनता तक शासन की फाइलेरिया जागरुकता संबंधी मुहिम प्रभावी ढंग से पहुंच सकी।
ग्रामीण क्षेत्र का दिखा दबदबा, विजेता को 10 हजार की राशि
10 फरवरी से 24 फरवरी तक फाइलेरिया माह के तहत सामुदायिक दवा सेवन कार्यक्रम को प्रभावी बनाने कलेक्टर अविप्रसाद द्वारा नवाचार करते हुए फाइलेरिया जागरूकता ऑनलाइन क्विज प्रतियोगिता का आयोजन जिले में कराया गया। जिसमें 6773 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिनके परिणाम 24 फरवरी की शाम कलेक्टर सभागार में ऑटो मोड लॉटरी सिस्टम से निकाले गए। जिनमें प्रथम पुरुस्कार इमलिया ग्राम के रोहित काछी, द्वितीय पुरुस्कार सलैया ग्राम के देवांशु राय, तृतीय पुरूस्कार बड़वारा की रुचि मौर्य और चतुर्थ पुरुस्कार मित्तल एनक्लेव निवासी अनुष्का तिवारी को मिला। जिन्हे पुरुस्कार की राशि क्रमशः 10 हजार, 5 हजार, 3 हजार और 2 हजार रुपए उनके बैंक खातों में प्रदान की जा रही है। इसके अलावा 50 प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार स्वरूप पांच -पांच सौ रुपए की राशि बैंक खातों में प्रदान की जा रही है।
4 मार्च तक बढ़ाया गया अभियान
सोमवार को नवीन कलेक्टर सभागार में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र कलेक्टर अवि प्रसाद द्वारा प्रदान किए गए। इस मौके पर मौजूद लोगों और मीडिया प्रतिनिधियों को कलेक्टर श्री प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि फाइलेरिया जागरूकता एवम् सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम को 4 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
भ्रांतियां न फैलाएं, करें जागरूक
इस अवसर पर कलेक्टर श्री प्रसाद ने उपस्थित जनों से कहा कि फाइलेरिया अभियान की सफलता में सबसे बड़ी रुकावट भ्रांति और सबसे बड़ी चुनौती जागरूकता है। इसलिए सभी का ये कर्तव्य होना चाहिए कि भ्रांति से दूर रहें, भ्रांति न फैलाएं, जितना हो सके लोगों को जागरूक करें। उन्होंने विगत दिवस ग्राम रजरवारा क्र. 1 में कुछ बच्चों को फाइलेरिया सेवन के बाद हुए साइड इफेक्ट्स पर स्पष्ट किया कि उक्त बच्चों में फाइलेरिया के कृमि थे इस वजह से उन्हें दवा के साइड इफेक्ट्स हुए थे जो सामान्य बात थी, इसे गलत तरीके से प्रचारित करने से लोगों में दवा सेवन को लेकर डर की स्थिति बनती है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। इस मौके पर जिला फाइलेरिया अधिकारी शालिनी नामदेव, पी के महार आदि मौजूद रहे।