रिपोर्टर शुभम सहारे
राजमाता सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा की प्राचार्या डॉ.अजरा एजाज के मार्गदर्शन में “21वीं सदी की जीवन शैली : बदलते परिदृश्य में समस्याएं, चुनौतियां एवं निदान’ विषय पर आज महाविद्यालय में 2 दिवसीय राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। संगोष्ठी में वानिकी अनुसंधान केंन्द्र छिंदवाड़ा की वैज्ञानिक डॉ.विशाखा कुंभारे मुख्य अतिथि, आंचलिक कृषि अनुसंधान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक सह संचालक डॉ.विजय पराडकर विशिष्ट अतिथि और बीज वक्ता नागपुर के डॉ.शक्ति शर्मा उपस्थित थे।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं वैज्ञानिक डॉ.विशाखा कुम्भारे ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में कौशल विकास और ऊर्जा संरक्षण वर्तमान समय की मांग है। सतत विकास और पर्यावरण की सुरक्षा हमारी बदलती जीवनशैली की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ.विजय पराड़कर ने उन्नत जैविक कृषि पर बल देते हुये कहा कि हमें पुरातन और आधुनिक कृषि पध्दति के बीच तालमेल बैठाना होगा। बीज वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए नागपुर के डॉ.शक्ति शर्मा ने कहा कि हमारी जीवनशैली पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से एकाकीपन की ओर बढ़ रही है। स्वस्थ्य जीवन हेतु हमारी दिनचर्या में खान-पान, व्यायाम, निद्रा, संबंधी आदतों में बदलाव लाना आवश्यक है। हमें अपने दैनिक आहार में मोटे अनाजों, फलों, सब्जियों आदि के साथ संतुलित मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त आहार को सम्मिलित करना चाहिए।
संगोष्ठी के प्रथम तकनीकी सत्र में ग्रीन विजील फाउंडेशन के संस्थापक श्री कौस्तुव चटर्जी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा में ही स्वस्थ व दीर्घायु जीवन का संदेश निहित है। अंतराष्ट्रीय पर्वतारोही भावना डेहरिया ने अपने पर्वतारोही बनने की संघर्षपूर्ण और रोमांचक यात्रा का विस्तृत विवरण दिया। अमरावती के डॉ.अविनाश असनारे ने जीवन में खेल और व्यायाम के महत्व पर सारगर्भित व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में विश्वामित्र अवार्ड प्राप्त एवं जिला खेल व युवा कल्याण अधिकारी श्री रामराव नागले और शासकीय उपाधि महाविद्यालय जुन्नारदेव के प्राचार्य डॉ.वाय.के.शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संगोष्ठी में संयोजक डॉ.पम्मी चावला, डॉ.प्रशांत बेलवंशी, डॉ.विजय कलमधार, डॉ.दिनेश कुमार चौधरी, डॉ.जे.एल.हनोते. डॉ.अजय सिंह ठाकुर, प्रो.बिंदिया महोबिया, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी और विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे