बैठक में कलेक्टर श्रीमती पटले ने चिन्हित वंचित बच्चों को शासकीय योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं की समीक्षा करते हुये महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी को निर्देश दिये कि विभिन्न सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं की भागीदारी और सहयोग से प्रत्येक वंचित बच्चे की उम्र के अनुसार उसके स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, संपत्ति, आर्थिक, मनोसामाजिक आदि जरूरतों के अनुसार त्वरित और दीर्घकालीन योजना बनाने के निर्देश दिये । उन्होंने सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से आव्हान किया कि वे वंचित बच्चों से संपर्क कर उन्हें पहले अपना दोस्त बनायें और उनसे चर्चा करें व उनकी सभी परिस्थितियों की जानकारी लेकर उनकी प्रोफाइल तैयार करें तथा इस संबंध में आगामी बैठक में अपनी संस्था की त्वरित व दीर्घकालीन योजना बनाकर प्रस्तुत करें जिससे वंचित बच्चे का समग्र विकास हो सके । उन्होंने निर्देश दिये कि चिन्हित वंचित बच्चों को किस-किस शासकीय योजना से लाभान्वित किया जा सकता है, इसकी जानकारी प्राप्त करें और प्राथमिकता से उन्हें सभी शासकीय योजनओं से लाभान्वित करें । इन शासकीय योजनाओं के अंतर्गत ऐसे बच्चों के जाति प्रमाण पत्र, आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड आदि बनाने के कार्य प्राथमिकता से किये जा सकते हैं । यदि बच्चों के माता-पिता न हों और उनकी संपत्ति हो तो ऐसी संपत्ति में बच्चों का नामांतरण प्राथमिकता से करें। साथ ही बच्चों के उत्थान व विकास के लिये शासकीय योजनाओं के अलावा निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार उन्हें लाभान्वित करें।
कलेक्टर श्रीमती पटले ने समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत संचालित गृहों, दत्तक ग्रहण, पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन योजना के अंतर्गत लाभान्वित बच्चों, मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभान्वित, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की प्रगति की जानकारी प्राप्त की और अंतर्विभागीय समन्वय के मुद्दों के अंतर्गत किशोर सशक्तिकरण कार्ययोजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, प्रायवेट स्कूल में पढ़ाई करने वाले वंचित बच्चों को आवासीय/गैरआवासीय स्कूल में प्रवेश, बाल केबिनेट/बाल सभा में जेंडर व बाल संरक्षण मुद्दों पर चर्चा, बाल अधिकार सप्ताह, नगरीय निकायों व ग्राम पंचायत क्षेत्रों में शैक्षणिक संस्थाओं के 100 मीटर के अंदर तंबाकू उत्पाद का प्रतिबंध, सेफ सिटी कार्यक्रम, और अन्य गतिविधियों के संबंध में संबंधित विभागों को आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ ही पूर्व में जारी निर्देशों का पालन प्रतिवेदन एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के निर्देश दिये । बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री वर्मा ने कहा कि चिन्हित वंचित बच्चों के लिये उनकी आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध स्थानीय संसाधनों के माध्यम से क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। जो कार्ययोजना तैयार की जा रही है उसमें समस्या का समाधान भी शामिल करें जिससे बेहतर कार्य हो सके । उन्होंने वल्लरेबल क्षेत्र में कार्य के लिये महिला थाना प्रभारी और पुलिस की अन्य ईकाईयों को भी शामिल करने का सुझाव दिया । उन्होंने कहा कि वंचित बच्चों से मिलकर उनकी जरूरत और स्थिति के अनुसार उनके विकास और उत्थान के लिये कार्य करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है तथा इसके लिये सामाजिक व स्वैच्छिक संगठनों को अत्यंत संवेदनशीलता से कार्य करने की आवश्यकता है।
बैठक में प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती बिसेन ने प्रोजेक्ट एंजिल के संबध में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि जिले में वर्ष 2020 की स्थिति में 887 वंचित बच्चे चिन्हित किये गये हैं जिसमें से 47 बच्चों को प्रायवेट स्पांसरशिप योजना व 840 बच्चों को सर्विस स्पांसर योजना से लाभान्वित किया गया है तथा समाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 681 बच्चों के परिवार को कल्याणी पेंशन, आयुष्मान कार्ड, आर्थिक गतिविधियों के अंतर्गत प्रशिक्षण, रोजगार आदि से जोड़कर लाभान्वित किया गया है । उन्होंने बताया कि जिले में वर्ष 2022 की स्थिति में 530 वंचित बच्चे शेष हैं जिनकी मैपिंग कर एंजिल प्रोजेक्ट के अंतर्गत सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं की भागीदारी से उनके उत्थान, पुनर्वास और सहयोग के लिये कार्ययोजना बनाई गई है । साथ ही जिले के सभी विकासखंडों में संबंधित एसडीएम की अध्यक्षता में विकासखंड स्तरीय समितियां गठित की गई है जिसमें संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और अन्य विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के साथ ही 2-2 सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं को शामिल किया गया है । आवश्यकता के अनुसार इसमें संशोधन किया जा सकेगा । उन्होंने अन्य बिंदुओं पर भी विस्तार से जानकारी दी । बैठक में सामाजिक व स्वैच्छिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी वंचित बच्चों के होलिस्टिक डेवलपमेंट के लिये अपने कार्य अनुभव के अनुसार सुझाव दिये