रीठी। खम्हरिया नं.1बाबा हरीदास महाराज के बंगले में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास श्री मुरारीदास जी महाराज श्रीवृन्दावन धाम। ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और गोवर्धन पूजा के प्रसंग विस्तार से सुनाए। कथा में गोवर्धन पर्वत की कृत्रिम आकृति झांकी के माध्यम से दर्शाई गई। भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए गए। प्रवचनों में शुकदेव आचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म और सत्य की पुन: स्थापना के लिए द्वापर युग में अवतार लिया। उन्होंने बाल्य अवस्था में ही कालीय नाग का मर्दन करके यमुना जी को पवित्र किया, पूतना एवं बकासुर आदि मायावी शक्तियों का अंत किया। बृज भूमि में आतंक के पर्यायी कंस मामा का वध करके अपने माता-पिता देवकी-वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया। गोवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का उल्लेख किया गया। गायकों द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे। इस अवसर ग्राम जमुनिया के सरपंच श्रीमती इंद्रा राजू राय, खम्हरिया सरपंच श्री धनीराम यादव, पूर्व सरपंच उदयभान यादव, गजराज यादव, विशाली यादव, नारायण विश्वकर्मा, हेतराम विश्वकर्मा, मिलाप सिंह, रघु पटेल, रामदास यादव, सतीश यादव, उदयभान, निर्भय यादव, राजेश यादव, उदल, लखन, शरद यादव आदि के साथ रीठी क्षेत्र के हजारों श्रोताओं ने कथा श्रवण कर रहे हैं।
हरिशंकर बेन