प्रशिक्षण शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में प्राचार्य डा इंद्रकुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक श्रीमती मंजू द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा दिया जा रहा है।
विद्यार्थियों को जैविक खेती प्रशिक्षण
मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आत्मनिर्भर स्वावलंबी एवं स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए व्यासायिक शिक्षा के अंतर्गत जैविक खेती का प्रशिक्षण विद्यार्थियों को दिया जा रहा है।
गौ मूत्र का जैविक खेती में उपयोग।गौमूत्र में 33 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं।गौमूत्र से रोग नियंत्रण के लिए बीज उपचार कीटनाशक शीघ्र खाद एवं पौध पोषण की जानकारी दी गई।
जैविक कीटनाशक पांच पत्ती काढ़ा नीमास्त्र ब्रह्मास्त्र आग्नेयास्त्र को बनाने तथा फसलों की प्रारंभिक अवस्था से प्रति सप्ताह फसलों में डालने से कीट एवं रोग नहीं लगते।पत्ती काटने वाले रस चूषक तथा फल छेदक कीड़ों का नियंत्रण होता है।
फसलों में कीड़ों द्वारा तीन प्रकार से नुकसान कुतरने ।काटने वाले रस चूषक एवं फल छेदक तथा उगरा उक्ठा जड़ सड़न पौध गलन आदि रोगों एवं इनके जैविक नियंत्रण की तकनीकी विधियों को बतलाया गया ।
केंचुआ खाद निर्माण की तकनीकी जानकारी के अंतर्गत चारा पैरा भूसा फसल अवशेष गोबर नींदा पत्तियां डंठल आदि का उपयोग कर 30से 45 दिन में केंचुआ खाद बनाकर 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ फसल में उपयोग तथा केंचुआ एवं केंचुआ खाद विक्रय कर स्वरोजगार स्थापित करने हेतु वार्षिक आय की जानकारी दी गई।
हरी खाद के लिए विभिन्न फसलें सन ढेंचा उड़द मूंग मटर लोबिया की बोनी कर एक से डेढ़ माह की की फसल होने पर डिस्क हेरो या रोटा वेटर चलाकर पौधों को खेत में पलटकर पानी डालकर सड़ा देते हैं।इसके बाद धान का रोपा लगाने से नत्रजन खाद की मात्रा कम लगती है।