मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश के जरिए छिंदवाड़ा के प्रभारी मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) के निलंबन पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंच से सीएमएचओ को निलंबित करने का आदेश दिया था। जिसके बाद विधिवत कार्यालयीन आदेश जारी कर निलंबित कर दिया गया। न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने इस सिलसिले में लोक स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, आयुक्त लोक स्वास्थ्य व प्रभारी बीएमओ डॉ. एनके शास्त्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
बता दें कि याचिकाकर्ता डॉ. जीसी चौरसिया की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री ने 22 सितंबर, 2022 को एक आमसभा को संबोधित करते समय प्रभारी सीएमएचओ को हटाने का आदेश दिया था। जिसके पालन में अगले दिन डॉ. चौरसिया को प्रभार से हटाकर जिला अस्पताल में अटैच कर दिया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नौ दिसंबर को फिर छिंदवाड़ा गए और डॉ. चौरसिया को निलंबित करने का आदेश दे दिया। उसी दिन आयुक्त लोक स्वास्थ्य ने सीएम के आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को निलंबित कर दिया और उन्हें 300 किलोमीटर दूर डिंडोरी में अटैच कर दिया। विभाग ने 12 दिसंबर को अधीनस्थ अधिकारी को सीएमएचओ का प्रभार दे दिया। इसी रवैये को याचिका के जरिये चुनौती दी गई है।