हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति नंदिता दुबे की एकलपीठ ने सीधी के जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) के निलंबन आदेश के क्रियान्वयन पर आगामी सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है। इसी के साथ राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है।
बता दें कि याचिकाकर्ता पवन कुमार सिंह की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से उनके निलंबन का आदेश दिया था। जिसके बाद निलंबन आदेश जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान कार्यक्रम में शिकायत मिली थी। जिसके आधार पर कलेक्टर ने प्रतिवेदन दिया। उसी तारतम्य में मुख्यमंत्री ने मंच से निलंबित करने का आदेश दे दिया। जिसका पालन करते हुए 10 फरवरी 2022 को संभागायुक्त, रीवा ने याचिकाकर्ता को डीइओ पद से निलंबित कर संयुक्त संचालक कार्यालयए रीवा में सम्बद्ध कर दिया। इसी आदेश की वैधानिकता को याचिका के जरिए चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे राजनीतिक कारण से दुर्भावनावश निलंबित किया गया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस दिन मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था, उसी दिन कलेक्टर का प्रतिवेदन आया और उसी दिन संभागायुक्त ने निलंबन आदेश भी जारी की दिया। इससे साफ है कि पहले से मन बनाकर तैयारी कर ली गई थी। मुख्यमंत्री की ओर से की गई घोषणा महज औपचारिकता थी