उमरियापान l सिलौंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सरकारी योजनाओं का लाभ हितग्राहियों को सिर्फ कागज में मिल रहा है ।
सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान की घोषणा कि प्रदेश में कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को हर स्थिति में शासन द्वारा पौष्टिक व गुणवत्ता युक्त भोजन शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती होने पर प्रदान करवाया जाएगा किन्तु अपने ही प्रदेश के मुखिया के वादों और दावों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिलौंडी के जिम्मेदार कर्मचारी पलीता लगाने पर आमादा हैं। जिन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव करवाने आने वाली महिलाओं को नाश्ता,
भोजन उपलब्द्ध करवाने का जिम्मा लिया है उनकी अनदेखी के चलते महिलाओं को मीनू के आधार पर नाश्ता, भोजन नही दिया जा रहा है।
शासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग के लिए लाखों करोड़ों का बजट प्रदाय किया जाता है फिर भी स्वास्थ्य केंद्र सिलौंडी में प्रसूतिकाओं को पौष्टिक भोजन नही दिया जाना कहीं न कहीं शासन को वदनाम करने की साजिश समझ मे आती है।
स्वास्थ्य केंद्र सिलौंडी में प्रसव करवाने आने वाली महिलाओं को प्रतिदिन नाश्ता बदलकर देना होता है किंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव करवाने आनेवाली महिलाओं को कुछ भी नही दिया जाता है जबकि स्वास्थ्य केंद्र सिलौंडी में फर्जी बिल लगाकर सरकारी कोष से राशि आ रही है । किंतु महिलाओं को दूध ,नाश्ता कुछ भी नही दिया जाता है न ही महिलाओं को पौष्टिक लड्डू प्रदान किया जाता है।
*व्यवथाओं पर लगे सवालिया निशान*- शासन द्वारा जब प्रसूतिका महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्र में हर तरह की सुविधाएं मसलन अच्छा गुणवत्तापूर्ण भोजन, दूध,पौष्टिक लड्डू प्रदान करने के लिए अच्छी खासी धनराशि का बजट उपलब्ध करवाया जाता है स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों के द्वारा प्रसूतिका महिलाओं को सारी सुविधाएं अच्छा नाश्ता,दूध, पौष्टिक लड्डू क्यों नही दिया जाता है ?
*सवालों के घेरे में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएँ*- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़वारा में प्रसव करवाने आई महिलाओं संगीता यादव ग्राम रोहनियां निवासी, मिथलेश गौंटिया बरछेका निवासी, गुड़िया बाई प्रजापति भुड़सा निवासी, कलावती साहू ग्राम गुड़ा निवासी ने बताया कि हम लोग दो दिन पहले प्रसव करवाने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़वारा आई थीं हम लोगों को नाश्ते में रोज पोहा दिया गया है। दूध एक भी दिन नही दिया गया है । डिलेवरी करने आई महिला के रिश्ते दार ने नाम प्रकाशित ना करने की शर्त पर बताया कि यहाँ पर दिन या रात में डिलेवरी होने पर ही फोन कर ए एन एम को बुलाया जाता है । शेष समय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ स्वीपर ही मिलते है । दिन में भी ओ पी डी में सिर्फ एक या दो कर्मचारी ही मिलते है ।इसकी व्यापक जाँच करवाई जाने पर सारी सच्चाई सामने आ जायेगी।