उत्तर प्रदेश (दोआबा) जनपद फतेहपुर
पावन वीर बलिदानी अमर सूरमाओं की धरती
ब्लॉक देवमई थाना औंग ग्राम खरौली निवासी श्री माता वैष्णो देवी नकटा रौली सिद्ध शक्ती पीठ मन्दिर के पुजारी देशभक्त शिवसेवक महात्मा वैष्णोंदास शिवकरन नंगे पैर कई लाखों मुसीबत दुर्गम रास्तों की तकलीफों का सामना करते सर्वशक्तिमान महाशक्ती राष्ट्र का तिरंगा ध्वजा हाथों में उठाये जय भारत माता की जय माता की जयकार लगाते दूसरी बार पहुँचे जम्मू-कश्मीर प्रान्त के जिला किश्तवाड़ पाडर तहसील नीलम घाटी श्री चण्डी मचेल माता के दरबार देशभक्त शिवकरन 25 मार्च 2022 अपनी जन्मभूमी माता के मन्दिर से राष्ट्रहित में सरहद पर तैनात जल थल वायु तीनों सेनाओं को दैवीय सुरक्षा शक्ती के हित में कठोर दृड़ संकल्प लेकर राष्ट्रीय सैन्यरक्षक सम्मान प्रर्थना करते पूर्वांचल, मध्यांचल, पश्चिमांचल, उत्तरांचल, हिमांचल प्रदेश में कई धार्मिक तीर्थ स्थानों में राष्ट्र उन्नति की प्रर्थना करते लोगों में वीर बलिदानियों की गाथा सुनाते जन जाग्रति फैलाते नंगे पैर एक एक कदम चलते चाँदी जैसी बर्फ की चादर ओढे़ नीलम घाटी में पहुंच कर श्री चण्डी माता के दरबार में महाशक्ती तिरंगा ध्वजा चढ़ा हवन पूजन किया पुजारी स्थानीय लोगों ने कहा देशभक्त शिवकरन जी ऐसे जम्मू पंजाब से बहुत श्रद्धालु आते हैं एक आप पहले माँ के भक्त है जो इतनी दूर से दूसरी बार पैदल यात्रा से आये है माँ के दिव्य *दरबार की पावन कथा सुनायी*
देवयुग में रक्तबीज नामक अत्याचारी राक्षसों का संहार कर भद्रकाली विकराल स्वरूपणी चण्डी माता क्रोध में पूरी प्रथ्वी पर उथल पुथल मचाने
लगी यह देख देवता भगवान शिव शंकर सें रक्षा की याचना कर बोले हे त्रिपुरारी देवाधिदेव महादेव भोले नाथ हमारी रक्षा करें फिर भगवान शिव शंकर सभी देवगणों प्राणी जीव जन्तु समाज को पर्वत के पीछे छिपाकर स्वयं जिस रास्ते से चण्डी माता क्रोध में आ रही थी वहाँ लेट गये आते जैसे ही शिव जी के उपर चरण पडा माँ क्रोध से शान्त हो गयी सभी देवताओं ने माता के प्रशन्नता के स्तोत्र पढ मंगल गीत गाये तबसे शिव जी पहाड़ा पर दिव्य शिवलिंग रूप में शिव शान्ती स्वरूपा मंगल मोक्षदायनी चण्डी माँ का नीलम घाटी में निवास कर अपने भक्तों की रक्षा मनोकामना पूर्ण करती है द्वापर युग में कुन्ती पुत्र भीमसेन ने माँ चण्डी के दर्शन वरदान प्राप्त कर महाभारत में कालरूप में युद्ध कर दुशासन की छाती चीर डाली कौरवों की सेना के कई महायोद्धाओं का प्राणान्त किया इस कलियुग में छत्तरगढ़ जो आज गुलाबगढ़ नाम से जाना जाता है जम्मू-कश्मीर के राजा गुलाब सिंह को जब हिमांचल प्रदेश चम्बा के राजा ने अपनी बेटी का विवाह गुलाबसिंह के साथ किया दहेज में छत्रगढ दिया था जो आज गुलाबगढ़ है साथ में जनरल जोरावर आये चीन से युद्ध में दो बार विजय पायी फिर अहंकार हो गया माता के पुजारी का अपमान किया तीसरी बार चीन के हाथों जरनल जोरावर सिंह मारे गये फिर कर्नल यादव ने माँ चण्डी को माना माता का मन्दिर बनाया माँ चण्डी भारतीय सेना की कई बार संकटों के समय में मददत करती आयी है और आज भी यहाँ कई प्रत्यक्ष चमत्कार देखने को मिलते है बिना हवा के माँ के हाथों के कंगन नाक की नथनी कानों के झुमके हिलना और रात्री चार बजे शिव पर्वत पर ज्योती और शिव लिंग दर्शन होते है साल में एकबार सावन महीने में दर्शन यात्रा चलती है जगह जगह खाने पीने के लंगर भण्डारे चलते हैं ।माँ चण्डी की महिमा महान हैं जिसे सुर नर मुनी कोई नही जानते है।
एमपी न्यूज कास्ट उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय पटेल संपर्क सूत्र,9839746113,