टिमरनी सीनियर शासकीय उत्कृष्ट बालक छात्रावास में छात्रों ने अधीक्षक पर आरोप लगाए कि अधीक्षक पुरुषोत्तम राठौर द्वारा माधव रघुवंशी द्वारा एक सामान्य वर्ग का बालक को अनाधिकृत रूप से एससी एसटी के छात्रावास में रखा जा रहा है l जिससे परेशान वहां के परेशान छात्रों एसडीएम महोदय से एक लिखित आवेदन देते हुए अपनी समस्या बताएं और बताया कि जो बालक को रखा गया है l वह सामान्य केटेगरी का बालक है l जो वहां पर रह रहे छात्रों से बदतमीजी भी करता है l और इन सब बातों की शिकायत जब वहां पर रह रहे छात्रों ने अधीक्षक से करी तो अधीक्षक ने छात्रों का पक्ष ना लेते हुए उस बालक का पक्ष लेकर उनसे बोला कि जिन्हें तकलीफ है वह छात्रावास छोड़कर चले जाए वहां पर रह रहे छात्रों ने बताया कि अधीक्षक वहां पर रोज उपस्थित नहीं रहते हैं l सप्ताह में 1 दिन आते हैं और और सभी दिनों की हाजिरी भर कर चले जाते हैं l
आरोप लगाते हुए छात्रों ने बताया कि वहां पर रह रहे छात्रों को छोटी-छोटी बातों के लिए भी अपमानित किया जाता है lऔर वहां पर रह रहे छात्रों के लिए मूलभूत सुविधा जैसे कि बच्चों को नहाने के लिए स्वच्छ, स्नानागार ,बाल्टी टब नहीं है भोजन बनाने वाला कर्मचारी भी ठीक से भोजन भोजन नहीं बनाता है इन सभी बातों की शिकायत लिखित रूप से एसडीएम महोदय से की गई है l एसडीएम महोदय ने बताया कि इस विषय को संज्ञान में लेते हुए उचित जांच करवाने की बात कही वही जब अधीक्षक से इस विषय की जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मेरा ट्रांसफर होने के कारण मैं वहां पर उपस्थित नहीं हो पा रहा हूं l इस विषय में मैंने एक आवेदन पत्र भी अपने सक्षम अधिकारियों को लिखित दे चुका हूं l और मैंने वहां माधव राजपूत को चौकीदारी के उद्देश्य से रह सके और देखरेख करने के उद्देश्य से रखा हुआ था l और जब मीडिया ने सवाल किया कि आपको ऐसा करने के लिए क्या आपको लिखित रूप से किसी सक्षम अधिकारी ने आदेश दिए थे l तो वह इस विषय में जवाब नहीं दे पाए और पूछा कि क्या आपको ऐसा करने के लिए संवैधानिक अधिकार हैं तो वह यह भी नहीं बता पाए l
और भी कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं यह अनुसूचित जाति जनजाति के छात्रावास जो उनके लिए आवंटित है l क्या उसमें सामान्य छात्र को रखा जा सकता है l अगर कहीं बालकों का आपसी विवाद हो जाता और कोई गंभीर दुर्घटना और समस्या खड़ी हो जाती है तो इसके लिए जबाबदार कौन होता lऔर ऐसा कार्य अधीक्षक किसके आदेश पर कर रहा था और अगर स्वयं कर रहे हैं तो क्या संविधान उन्हें ऐसा करने की अनुमति देता है l
*संवाददाता अमित बिल्ले की रिपोर्ट*