कटनी(24 नवम्बर)- जिले में पात्र स्थानों के बिगड़े और खराब विद्युत ट्रांसफार्मरों को 15 दिनों के भीतर बदला जाए। साथ ही बिजली अधिकारियों द्वारा उपभोक्ताओं का फोन नहीं उठाने और कार्य में लापरवाही बरतने पर दो कनिष्ठ अभियंताओं को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मे बिजली विभाग की आयोजित बैठक मे गुरुवार को विधायक मुड़वारा संदीप जायसवाल, विधायक बड़वारा विजयराघवेंद्र सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा और कलेक्टर अवि प्रसाद ने विद्युत विभाग के कार्या की समीक्षा बैठक में लिया गया।
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने बिजली अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली, फोन नहीं उठाना और लापरवाही बरतने से संबंधित मामलों की जानकारी दी। जिस पर कलेक्टर श्री प्रसाद ने दो कनिष्ठ अभियंताओं क्रमशः उमरियापान और स्लीमनाबाद को कारण बताओ नोटिस जारी करने निर्देशित किया।
जनप्रतिनिधियों ने बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती घरेलू एवं कृषि कार्य हेतु बिजली से संबंधित कई समस्याओं की जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि बिजली की समस्या की वजह से खेतों में रबी फसलों को समय पर पानी नहीं दिया जा सका जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है।
कलेक्टर ने विद्युत कर्मियों की मौजूदा कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सुधार लाने की हिदायत दी। साथ ही ट्रांसफार्मर की समस्या के समाधान हेतु टोल फ्री नंबर जारी करने की हिदायत दी। बैठक मे जनप्रतिनिधियों को सोलर सब्सिडी योजना और मुख्यमंत्री विद्युत बिल राहत योजना की विस्तृत जानकारी दी गई।
सोलर सब्सिडी योजना
सोलर कनेक्शन पैनल लगाने के लिए सरकार द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत 10 किलोवाट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं इस योजना का लाभ ले सकते हैं। 1 किलोवाट से 3 किलोवाट तक सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को 40 प्रतिशत तथा 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक सोलर प्लांट लगाने वाले उपभोक्ताओं को 20 प्रतिशत तक की सब्सिडी की व्यवस्था की गई। 1 किलोवाट सोलर प्लांट स्थापना के निर्धारित राशि 43244 रुपये है, जिसमे शासन द्वारा 17297 रुपये की सब्सिटी प्रदान की जाती है। अनुदान की राशि घटाकर 25946 रुपये का उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना
इस योजना के तहत 1 किलोवाट तक के कनेक्शन वाले घरेलू उपभोक्ता जिसकी 31 अगस्त 2020 तक की स्थिति में बकाया राशि और अधिभार राशि शेष था। जिसमे राज्य शासन के द्वारा अधिवार को छोड़कर मूल राशि का 50 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत अधिभार की राशि को विद्युत वितरण कंपनी के द्वारा माफ गई है।
योजना में शामिल होने वाले बिजली उपभोक्ताओं को उस दौर के बकाया बिल पर कोई राशि नहीं देनी होगी। योजना के पात्र उपभोक्ताओं का पूरा बकाया माफ होगा। माफ किए गए अधिभार की पूरी राशि और मूल बिल राशि को 50 प्रतिशत हिस्सा वितरण कंपनियों को वहन करना होगा। 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार सब्सिडी के तौर पर देगी। इस श्रेणी में आने वाले उपभोक्ताओं को अगले बिल के साथ कोविड के दौर के बिल की माफी का प्रमाण पत्र भी कंपनियों की ओर से भेजा जाएगा।
बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा, जनपद पंचायतों के अध्यक्ष व सदस्य, सांसद प्रतिनिधि पद्मेश गौतम, अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन अभियंता सहित बिजली विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।