प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम/आज ग्राम गुनौरा ग्रामीण अंचल में वृंदावन धाम से पधारे व्याकरण आचार्य राम नरेश द्विवेदी के सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा पूजा कलश यात्रा निकालकर प्रारंभ हुई। जिसमें प्रथम दिवस श्री आचार्य ने कथा के नियमों और सिद्धांतों से अवगत करते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत कथा को श्रवण करने स्वयं वेद भी कथा स्थान पर पधारते हैं । यदि देव आदि भी अमृत लेकर भी कथा स्थान पर संपूर्ण देवलोक का अमृत लेकर पधारें और कथा के महत्व का उन्हें आभास नहीं तो कथा स्वयं उनकी उपस्थिति को स्वीकार नहीं करती। इसी श्रृंखला द्विवेदी जी ने बताया कि स्वयं ब्रह्मा जी ने सत्य लोक में जब तुला लगाकर एक तरफ श्रीमद् भागवत पुराण को रखा और एक तरफ संसार के समस्त संसाधनों को रखा तो श्रीमद् भागवत पुराण का पलड़ा अधिक भारी प्रतीत हुआ तभी ब्रह्मा जी ने स्वयं इसे मनुष्य योनि से मोक्ष प्रदान करने का मार्ग प्रमाणित किया अत: श्रीमद् भागवत कथा पुराण को एक आसन पर विराजमान होकर चित्त लगाकर श्रवण करने से सारे पाप कट जाते हैं। जिस प्रकार गौ कर्ण जी द्वारा उनके भाई दुंदु भीर, तथा माता पिता को मोक्ष गति दिलवाई गई, कथा स्थल पर सैकड़ो लोगों ने कथा तथा प्रसाद का लाभ लिया।