प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ आकाश में आज सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ गये। इससे भारत के अधिकांश स्थानों पर सूर्य गोलाकार न दिखता हुआ 60 से 70 प्रतिशत भाग ही दिखा। सूर्यास्त के पहले हुई आंशिक सूर्यग्रहण की इस खगोलीय घटना को आमलोगों को सुरक्षितरूप से दिखाने भारत सरकार का नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने अवलोकन शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में वैज्ञानिक रूप से परीक्षित सोलर व्यूअर, सोलर फिल्टर की मदद से बच्चों एवं आमलोगों ने सूर्य के सामने चांद के आ जाने को देखा। सारिका ने बताया कि जिस स्थान पर ग्रहण होता दिख रहा है उस काल्पनिक बिंदु को ही राहु नाम दिया गया है। पृथ्वी से देखने पर जिस मार्ग से सूर्य पूर्व से पश्चिम जाता दिखता है और जिस मार्ग से चंद्रमा पूर्व से पश्चिम जाता दिखता है वो दोनो मार्ग कोण पर झुके हैं। वो दो स्थानो पर कटते हैं। इनमें से एक कटन बिदु राहु और दूसरे को केतु नाम दिया गया है। जब इस ही बिंदु पर सूर्य और चंद्रमा दोनो आ जाते हैं तो पृथ्वी के किसी भू भाग से सूर्यग्रहण दिखता है। वैज्ञानिक चेतना बढ़ाने के उद्देष्य से आयोजित शिविर में युवा कम्यूनिकेटर आशी चौहान तथा नरेद्र कुमार ने वैज्ञानिक जानकारी दी। शिविर में अनेक बच्चे अपने पालकों के साथ उपस्थित हुये।