बता दें कि मध्य प्रदेश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ाई में हिंदी में कराने वाला पहला राज्य बन गया है। रविवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के हाथों मेडिकल पाठ्यक्रम की हिंदी की किताबों का विमोचन हुआ है। इसी को लेकर एक दिन पहले शनिवार को एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि डॉक्टर के पर्चे पर दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते। इसमें क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि दवाई का नाम क्रोसिन लिखा है तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है। उसमें क्या दिक्कत है? ऊपर श्री हरि लिखा और नीचे क्रोसिन लिखा दो।
इसी का असर आज सतना जिले में देखने को मिला। जिले के कोटर शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ सर्वेश सिंह ने हिंदी में पर्चा लिखा है, जो वायरल हो रहा है। डॉ. सर्वेश ने कहा कि आज से ही मैंने इसकी शुरुआत की है। पेट दर्द से पीड़ित रश्मि सिंह पहली मरीज रही जो रविवार को पीएचसी में उपचार के लिए आई थी। उसी की ओपीडी पर्ची पर हिन्दी में दवाइयां लिखी गईं। डॉ. सर्वेश ने बताया कि रविवार को टेलीविजन पर अमित शाहजी का कार्यक्रम देख रहा था। अतिथियों ने कहा कि कोशिश करें कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के पर्चे हिन्दी में लिखे जाएं। विचार आया कि क्यों न आज से ही इसकी शुरुआत की जाए।
एक सरकारी डॉक्टर का पर्चा दिनभर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। दरअसल उस पर्चे में सब हिंदी में लिखा था। मरीज का नाम, दवाओं का नाम और ऊपर श्री हरि।
बता दें कि मध्य प्रदेश में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इंजीनियरिंग, मेडिकल पढ़ाई में हिंदी में कराने वाला पहला राज्य बन गया है। रविवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह के हाथों मेडिकल पाठ्यक्रम की हिंदी की किताबों का विमोचन हुआ है। इसी को लेकर एक दिन पहले शनिवार को एक कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि डॉक्टर के पर्चे पर दवाई के नाम हिंदी में क्यों नहीं लिखे जा सकते। इसमें क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि दवाई का नाम क्रोसिन लिखा है तो क्रोसिन हिंदी में भी लिखा जा सकता है। उसमें क्या दिक्कत है? ऊपर श्री हरि लिखा और नीचे क्रोसिन लिखा दो।