बुंदेलखंड का किसान खेती का कार्य अपनी जान जोखिम में डालकर कर रहा है कभी वह अपनी फसल को बचाने के लिए अन्ना जानवरों का शिकार होता है तो कहीं पर वह अपने खेत में विचरण कर रहे जहरीले कीड़ों का शिकार हो जाता है तो कहीं पर अतिवृष्टि ओलावृष्टि और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से जब उसकी फसल नष्ट होती है तो उस फसल को देखकर मानसिक तनाव में आकर हृदयाघात का शिकार हो जाता है फिर भी यहां का किसान अपने खेती कार्य में लगा हुआ है और आज इसी कड़ी में ग्राम गुड़ा का एक किसान जिसका नाम रामगोपाल यादव पुत्र रमन उम्र 45 वर्ष भी अपने पालतू मवेशियों रोज की भांति कल चराने के लिए गया हुआ था लेकिन कल शाम को उसके मवेशी तो वापस घर आ गए लेकिन वह घर नहीं लौट सका जिसको ढूंढने के लिए उनके परिजन जंगल गये लेकिन वह जंगल में अचेत अवस्था में पाया गया । जब परिजनों को वह अचेत अवस्था में प्राप्त हुए तो उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊरानीपुर लाया गया जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया वह तीन बीघा का काश्तकार था जिसमें उन्होंने मूंगफली की फसल बोई हुई थी और साथ में कुछ खेत बटाई पर लेकर भी खेती की हुई थी जिसकी फसल कटाई का समय भी आ गया था । जानकारी मिलने पर मौके पर किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार व किसान सेवक शेखर राज बडौनियां , रामाधार निषाद मौके पर पहुंचे और मृतक किसान के परिजनों को ढांढस बधाइयां और तत्काल मौके पर मोबाइल फोन के द्वारा गरौठा उप जिलाधिकारी को मृत किसान की सूचना दी गई और उप जिलाधिकारी गरौठा द्वारा मृत किसान को आर्थिक मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया । किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार उत्तर प्रदेश शासन से भी तत्काल 72 घंटे में ₹500000 की आर्थिक मदद दिलाए जाने की मांग की । मौके पर शिवनारायण सिंह परिहार , किसान सेवक शेखर राज बडौनियां, रामाधार निषाद, वंशगोपाल, बृजेश, रविराज, राधाचरण, मुलायम, गोलू दुर्जन दीपू, थान सिंह, मान सिंह सहित कई किसान उपस्थित रहे।
मऊरानीपुर से महेंद्र सिंह की रिपोर्ट