रिपोर्टर हरिशंकर बेन
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने 9 दिन तक मां दुर्गा की उपासना की और 10वें दिन बुराई पर अच्छाई की विजय प्राप्त कर रावण का वध किया था । तभी से इस त्योहार को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है।
माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसी कारण हर साल इस दिन को मनाते हैं।दशहरा के समय भव्य रामलीला होने की साथ ,रावण के पुतले को जलाने का भी विधान है।
इस साल दशहरा 5 अक्टूबर बुधवार को मनाया गया l परन्तु कटनी जिले के रीठी नगर का दशहरा सदियों से चली आ रही परंपरा अनुसार 1 दिन बाद यानेकि ग्यारस को बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है ।
रीठी नगर के गोल बाजार,गल्ला मंडी,खेरमाई ,रेलवे स्टेशन,चौधरी मोहल्ला,आजाद चोक, बस स्टैंड, न्यूकालोनी,सिघैया टोला, पोस्ट ऑफिस तिराहा, पटेल मुहल्ला कमेटी के सदस्यो ने मातारानी की प्रतिमाओ की पूजा-अर्चना कर नम आंखों से माता की विदाई करने बैंड बाजा के साथ नाचते गाते विसर्जन स्थल के लिए रवाना हुए । जो पोस्ट ऑफिस तिराहा मैं क्रमबद्ध मेन बाजार से होते हुए राम मंदिर से सीधे देवरिया डैम में रात्रि लगभग 3:00 बजे तक विसर्जन का कार्यक्रम चलता रहा ।जिसे देखने के लिए पड़ोसी पन्ना जिले की भीड़ भी उमड़ पड़ी । वही विसर्जन जुलूस मैं शांति व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस प्रशासन की गस्त चौकस देखी गई ।
तो आइए हम आपको बताते हैं की इस त्योहार को मनाने के पीछे का इतिहास और महत्व । बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा असल में दो कहानियों से जुड़ा हुआ है। शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि के दिन मां दुर्गा ने चंडी रूप धारण करके महिषासुर नामक असुर का वध किया था। मां दुर्गा ने लगातार 9 दिनों तक महिषासुर और उसकी सेना से युद्ध किया था और 10वें दिन महिसाषुर का अंत कर विजय प्राप्त की थी।और इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने भी रावण का वध किया था।
हरिशंकर बेन