सिहोरा खितौला में निकला दशहरा चल समारोह देर रात तक चलता रहा विसर्जन हुआ
*खितौला कि हिरन नदी में हुआ 40 से प्रतिमा विसर्जन*
हर साल की तरह इस साल भी खितौला में दशहरा चल समारोह का आयोजन हुआ।लगभग 40 प्रतिमाओ का जुलूस हिरन नदी की तरफ रवाना हुआ। जगह जगह प्रतिमाओं का पूजन अर्चन किया गया।
नगरपालिका सिहोरा द्वारा विसर्जन कुंड के साथ साथ गोताखोरों की व्यवस्था भी की गई थी।आकस्मिक दुर्घ्हटना की स्थिति के लिए जेसीबी एवम hydra मशीन की व्यवस्था की गई थी
कुल मिलाकर पुलिस व्यवस्था ट्राफिक व्यवस्था लाइट व्यवस्था सब कुछ बहुत अच्छा था।माता महाकाली सबसे आगे उसके पीछे अन्य दुर्गा प्रतिमाओं का जुलूस चल रहा था।
इस चल समारोह का विशेष आकर्षण कलश जूलूस था सैकड़ों की तादाद में महिलाएं अपने सिर पर कलस लेकर नृत्य करते हुए चल रही थी।कलश नृत्य जुलूस दशहरा चल समारोह का विशेष आकर्षण था जो जुलूस को भव्यता प्रदान कर रहा था।सिहोरा एसडीओपी भावना मरावी ने बताया कि किसी भी आपदा या दुर्घ्हटना के लिए प्रशाशन पूरी तरह मुस्तैद है।
*विशेष बात*
नदी किनारे बने विसर्जन स्थल तक जाने के लिए नदी किनारे बने मार्ग की बात करे तो वो निजी भूमि है।भूमि मालिक के लड़के ने के संवाददाता रिजवान मंसूरी से बताया कि हर साल इस मार्ग का उपयोग प्रशासन विसर्जन के लिए करता है।लेकिन आज तक उनके परिवार को शासन प्रशासन द्वारा कोई भी लाभ नही दिया गया है।
विसर्जन मार्ग को अपनी निजी भूमि बताने वाले ने मुआवजे की मांग की है।
*जान जोखिम में डालकर कहते हैं मूर्ति को विसर्जन*
गोताखोरों ने बताया कि वो अपनी जान जोखिम में डालकर प्रतिमाओ का विसर्जन कई वर्षों से करते आये है।लेकिन आजतक कोई भी दुर्घ्हटना घटित नही हुई