मां दुर्गा कें हाथों में ये अस्त्र-शस्त्र कहां से आए. पौराणिक कथा के अनुसार, जब मधुकैटभ और रक्तबीज जैसे दानवों का संहार करने के लिए मां दुर्गा का प्रदुर्भाव हुआ तो विभिन्न देवी-देवताओं ने उन्हें अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र प्रदान किए. आइए जानते हैं मां दुर्गा का अस्त्र-शस्त्र का क्या महत्व है.
भाला- अग्नि देव ने मां दुर्गा के हाथ में भाला प्रदान किए. जिसे उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक माना जाता है.
वज्र- मां दुर्गा हाथ में वज्र इंद्र देव की कृपा से प्राप्त हुआ. यानी इंद्रदेव ने ही मां दुर्गा को वज्र प्रदान किया. वज्र को मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि मां दुर्गा भक्तों को आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति प्रदान करती हैं.
तलवार- पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान गणेश ने मां दुर्गा को तलवार प्रदान किए. मान्यता है कि मां दुर्गा के तलवार की धार बुद्धि की तीक्ष्णता का प्रतीक है, जबकि तलवार की चमक ज्ञान का प्रतिनिधित्व करती है.
फरसा- मां दुर्गा के हाथ में स्थित फरसा, भगवान विश्वकर्मा ने प्रदान किए. फरसा को बुराई से लड़ने का प्रतीक माना जाता है.
धनुष और बाण- मार्कण्डेय पुराण के अनुसार, सूर्य देव और पवन देव ने मां दुर्गा को धनुष और बाण प्रदान किए थे. ये दोनों ही अस्त्र-शस्त्र उर्जा के प्रतीक माने जाते हैं.
त्रिशूल- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव नें मां दुर्गा को त्रिशूल भेंट किए. कहा जाता है कि माता के हाथों में स्थित त्रिशूल के तीन शूल सत्व, रजस और तमस गुणों के प्रतीक हैं. मां दुर्गा ने इन तीनों का संतुलन कर पूरी सृष्टि का संचालन किया था. साथ ही मां ने इसी त्रिशूल से महिषासुर नामक राक्षस का वध का किया था.
शंख- मार्कंडेय पुराण के अनुसार, वरुण देव ने मां दुर्गा के हाथों में शंख प्रदान किए. कहा जाता है कि मां दुर्गा के शंख की ध्वनि से कई असुरों का नाश हुआ था. मान्यतानुसार, शंख की ध्वनि वारावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है.
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