रिपोर्टर संतोष चौबे
पन्ना । मी.से.प्रभा./सहा.जि.लो.अभि.अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी के द्वारा बताया गया कि,माननीय न्यायालय,श्रीमान् विशेष न्या याधीश (एट्रोसिटी) पन्ना श्री आर.पी.सोनकर द्वारा प्रकरण में फैसला सुनाते हुये,पिता के संरक्षण मे से बालिका को बहलाफुसलाकर ले जाने वाले आरोपी को आजीवन कारावास एवं जुर्माना से दंडित किया गया।
अभियोजन कथानक अनुसार घटना दिनांक 18.02.2016 को फरियादी/पिता ने थाना सुनवानी में उपस्थित होकर इस आशय की सूचना दी कि उसकी पुत्री आहता आयु 16 वर्ष निवासी रैगुवां दिनांक 17.02.2016 को स्कूल जाने का कहकर बिना बताए कहीं चली गई है, जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति बहला फुसलाकर भगा ले गया है। फरियादी की उक्त सूचना पर थाना सुनवानी में अज्ञात के विरुद्ध अपराध कमांक 05/2016 धारा 363 भादंस पंजीबद्ध किया गया। गुमशुदा सूचना की जांच के दौरान घटनास्थल का नक्शा मौका बनाया गया, साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किए गए। दिनांक 19.02.2016 को अपहृता अवयस्क अभियोक्त्री को ग्वालियर से दस्तयाब किया जाकर उससे पूछताछ की गई। जिसके आधार पर आरोपी लला उर्फ निरंजन सिंह के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी को दिनांक 21.02.2016 को गिरफ्तार कर संपूर्ण विवेचना उपरात प्रकरण में जे. एम.एफ.सी पन्ना श्री कमलेश कुमार कोल के न्यायालय में दिनांक 05.03.2016 को अभियोगपत्र प्रस्तुत किया गया। अपराध विशेष न्यायालय(एट्रोसिटी) के विचारण योग्य् होने से उक्त प्रकरण श्रीमान् के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण का विचारण, न्या्यालय श्रीमान विशेष न्यायाधीश पन्ना , श्री आर.पी.सोनकर के न्यायालय मे हुआ। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी करते हुये श्री जीतेन्द्र सिंह बैस, विशेष लोक अभियोजक पन्ना, द्वारा साक्षियों की साक्ष्य को विन्दुवार तरीके से लेखबद्ध कराकर न्या्यालय में आरोपी के विरूद्ध अपराध संदेह से परे प्रमाणित किया गया तथा आरोपी के कृत्य को गंभीर श्रेणी का अपराध मानते हुये माननीय न्यायालय से अधिकतम दंड से दंडित किये जाने का निवेदन किया। जिस पर माननीय न्यांयालय द्वारा अभिलेख पर आई साक्ष्यों , अभियोजन के तर्को तथा न्यायिक-दृष्टांतो से सहमत होते हुए अभियुक्त-लला उर्फ निरंजन सिंह पुत्र पप्पू उर्फ बृजेन्द्र सिंह सिकरवार, आयु- 25 वर्ष, निवासी-ग्राम तोर, थाना-देवगढ, जिला-मुरैना को धारा 3(2)(5) एससीएसटी एवं धारा 363 भादसं के आरोप में क्रमश:-आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये के अर्थदण्ड से एवं 05 वर्ष कठोर कारावास एवं जुर्माना 1000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया।
नोट-: अभियुक्त को धारा 366 भादसं के अपराध में भी दोषसिद्ध किया गया है परन्तु धारा 366 भादस का अपराध धारा 3(2)(5) एससीएसटी अधिनियम मे सम्मिलित होने से आरोपी को प्रथक से धारा 366 भादस के अपराध में दंडित न करते हुये मात्र 3(2)(5) एससीएसटी अधिनियम एवं धारा 363 भादस में दंडित किया गया।
दिनांक -27.09.2022 (1)
(ऋषिकांत द्विवेदी)
सहा. जिला लोक अभियोजन अधिकारी,
मीडिया प्रभारी,
जिला-पन्ना(म.प्र.)