इस साल शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर 2022 से हो रही है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में माता रानी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों, घरों और भव्य पंडालों में कलश स्थापना की जाएगी और माता अंबे की उपासना की जाएगी। नवरात्रि में लोग उपवास रहकर मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा करते हैं। अपनी श्रद्धा और शक्ति के अनुसार कुछ लोग पूरे नौ दिन, तो कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। वहीं जो लोग नवरात्रि के दिनों में व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। नवरात्रि के पावन दिनों में लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में लहसुन-प्याज का सेवन करना वर्जित माना गया है। तो चलिए जानते हैं कि नवरात्रि में आखिर क्यों वर्जित है प्याज-लहसुन खाना?
पौराणिक कथा के अनुसार, स्वरभानु नाम के दैत्य ने समुद्रमंथन के बाद देवताओं के बीच बैठकर छल से अमृत का सेवन कर लिया था। यह बात जब मोहिनी रूप धारण किये हुए भगवान विष्णु को पता चली तो उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु का सिर, धड़ से अलग कर दिया। स्वरभानु के सिर और धड़ को ही राहु-केतु कहा जाता है। सिर कटने के बाद स्वरभानु के सिर और धड़ से अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरीं और इन्हीं से लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई। लहसुन-प्याज का जन्म अमृत की बूंदों से हुआ इसलिए रोगों को मिटाने में यह दोनों कारगर साबित होते हैं। परंतु यह राक्षस के मुंह से होकर उत्पन्न हुई हैं, इसलिए यह अपवित्र मानी जाती हैं और भगवान को इनका भोग लगाना वर्जित है। इसके साथ ही व्रत के दौरान भी इनको खाना वर्जित माना जाता है।