सिहोरा/ बिजली कंपनी सिहोरा के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों की लापरवाही किसी से छुपी नहीं है। बिजली के पोल (खम्मे) में लगातार करंट आने की शिकायत के बाद अमला पहुंचता तो जरूर है लेकिन सुधार के दूसरे ही दिन फिर पोल में करंट दौड़ने लगता है। ऐसी ही लापरवाही के चलते सोमवार को नगर के सघन बस्ती क्षेत्र में बिजली पोल में दौड़े करंट की चपेट में आने से गाय की दर्दनाक मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक वार्ड क्रमांक 6 सीपी आश्रम के पास के घरेलू विद्युत आपूर्ति सप्लाई के बिजली पोल में अचानक करंट आ गया। पास ही घास चर रही गाय जैसे ही खंमे के पास पहुंची तेजकरण ने उसे अपनी तरफ खींच लिया। कुछ ही देर में गाय की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई।
*दो दिन पहले ही सुधार कार्य करके गया था अमला*
स्थानीय लोगों के मुताबिक संबंधित बिजली पोल में करंट आने की शिकायत बिजली कंपनी को की गई थी। बिजली कंपनी के कर्मचारी सुधार कार्य के लिए मौके पर पहुंचे और उन्होंने सुधार कार्य किया भी इसके बावजूद उसी खंबे में फिर करंट दौड़ गया। जिसकी चपेट में आकर गाय की मौके पर ही मौत हो गई। आखिर बिजली कंपनी के कर्मचारी कैसा सुधार कार्य करते हैं कि सुधार के दूसरे या तीसरे दिन ही बिजली पोल में फिर करंट दौड़ने लगता है।
*पोल से दिया जाता है टीसी खुले छोड़ दिए जाते हैं वायर*
सूत्रों की मानें तो इसी पोल से पास के मैदान में शादी सहित दूसरे कार्यो के लिए डीसी कनेक्शन दिया जाता है। टीसी कनेक्शन के दौरान पोल की केबल के बाहर खुले छोड़ दिए जाते हैं। संभवत इसी के कारण बिजली के खंभे में बार-बार करंट आने लगता है। विभाग के अधिकारी डीसी कनेक्शन देकर अपना लाभ तो देख लेते हैं लेकिन इससे मूक जानवर सहित आम लोगों की जान से खुलेआम खिलवाड़ किया जा रहा है। यह मामला सिर्फ सीपी आश्रम मोहल्ले का नहीं है। सिहोरा नगर और खितौला में कई जगह ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
*सूचना के बाद पहुंचे बिजली कंपनी के कर्मचारी*
करंट लगने से गाय की दर्दनाक मौत की घटना के बाद स्थानीय नागरिक महेंद्र सैनी ने इसकी सूचना बिजली कंपनी के अधिकारियों को दी। मौके पर पहुंचे कर्मचारियों ने बिजली की आपूर्ति को तत्काल बंद किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह तो गनीमत रही कि कोई आम आदमी खंमे के पास नहीं पहुंचा। वरना उसकी मौत पक्की थी।