विदिशा जिला ब्यूरो मुकेश चतुर्वेदी
गंज बासौदा बरेठ रोड स्थित भावसार पुलिया के पास के रघुवंशी धर्मशाला में पितृपक्ष ( श्राद्ध पक्ष) मैं सभी नगर वासी क्षेत्रवासियों के कल्याण हेतु श्रीमद् भागवत कथा चौहान परिवार कामधेनु कॉलोनी के द्वारा कराया जा रहा है ,
भव्य कलश यात्रा सिद्धेश्वर महादेव मंदिर धर्म कांटा शिव भगवान सिद्धेश्वर महादेव की पूजन कर निकली गई घोड़ों पर भगवा रंग के ध्वजा लेकर के विराजे थे , भक्तगण कई सुंदर रथ में विराजमान थे l नगर के सिद्ध संत महामुनी और राष्ट्रीय कथा व्यास परम पूज्य पंडित “श्री देवेंद्र जी भार्गव” श्रीमद्भागवत को सिर पर धारण करके चल रहे थे , मुख्य यजमान श्री अनिल प्रताप सिंह जी चौहान , श्री संजीव प्रताप सिंह चौहान , श्री भानु प्रताप सिंह चौहान एवं उनके परिजन नगर के वरिष्ठ जन माताएं – बहनें अपने सिर पर कलश धारण करके श्रीमद् भागवत स्थल की ओर चल रही थी
सुंदर बाजे बज रहे थे डीजे साउंड पर सुंदर भजनों में लोग थिरक रहे थे जगह-जगह श्रीमद् भागवत का एवं कथा व्यास जी का भव्य स्वागत हुआ l लोगों ने पुष्पों की वर्षा से स्वागत किया फूल मालाओं से स्वागत किया किसी ने जलपान कराया किसी ने प्रसाद बटवाया सुंदरपुर कलश यात्रा निकाली गई इसके पश्चात श्रीमद्भागवत पूजन के पश्चात राष्ट्रीय कथा व्यास पंडित श्री देवेंद्र जी भार्गव व्यास गद्दी पर विराजमान हुए l आपने मंगलाचरण करते हुए कहां गंज बासौदा नगर साधारण नगर नहीं है यह नगर धार्मिक तीर्थ नगर है यहां निरंतर सत्संग की गंगा बहती रहती हैं संतों की नगरी मैं यहां के प्रबुद्ध जन निरंतर राम भक्ति में लगे रहते हैं
हमारा क्षेत्र ज्ञान की गंगा का क्षेत्र भगवती मां वेत्रवती गंगा के किनारे पर बसा हुआ क्षेत्र है कथा के क्रम को आगे बढ़ाते हुए आपने कहा जीव का लक्ष्य क्या है क्या हम यहां भौतिक सुखों की खोज में आए हैं या परिवार रिश्तेदारी निभाने हैं या लोगों को कष्ट देने आए या परमार्थ करने आए या मोक्ष की प्राप्ति का साधन बनाने आए है हमारा लक्ष्य एक ही होना चाहिए ठाकुर जी के चरणों की प्राप्ति सुंदर प्रसंग गोकर्ण इत्यादि का प्रसंग सुनाते आपने श्राद्ध के विषय में कहा हम सभी को पितरों के लिए श्राद्ध का मानना परम आवश्यक इन 16 दिनों में जब मानव स्नान करने के लिए जाता है पितृ प्रसन्न हो जाते हैं कि हमारे वंशज हमको तर्पण करेंगे जब उनका तर्पण नहीं किया जाता हैl बड़े दुखी हो नाराज होकर वहां से चले जाते हैं जिस घर में श्राद्ध नहीं मनाया जाता वहां से अपमानित होकर नाराज होकर चले जाते हैं , उस घर में कई प्रकार की व्याधियों का प्रवेश हो जाता है इसलिए हमें पितरों का तर्पण भी करना चाहिए श्राद्ध ही मनाना चाहिए इस कथा के आयोजक चौहान परिवार में सभी से विनम्र अनुरोध किया है कथा में पधार कर धर्म लाभ प्राप्त करे l