प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/10 दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव का पर्व 9 सितंबर 2022 को गणेश विसर्जन के साथ खत्म हो गया। इन 10 दिनों के दौरान मंगलमूर्ति और विध्नहर्ता भगवान गणेश की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना, उपासना, साधना और मंत्रोचार से उन्हें प्रसन्न किया गया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इसलिए हर वर्ष इसी तिथि पर भगवान गणपति का जन्मोत्सव गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है। किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा जरूर की जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की शुभ कार्यों में सबसे पहले पूजने से कार्यों में आने वाली बाधाएं खत्म हो जाती हैं। गणेश उत्सव पर भगवान गणपति के अलग-अलग नामों का जाप और इनसे संबंधित मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। गणेश चतुर्थी पर गणेश मंत्रों के जाप से जीवन में सुख-सुविधा, वैभव, शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसी क्रम में गोल्डन सिलीकान सिटी मालाखेड़ी में हवन पूजन का कार्यक्रम के बाद भंडारे का कार्यक्रम रखा गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए एवं अपनी मनोकामनाओं को लेकर आहुतियां हवन में डाली। एवं महा प्रसादी ग्रहण की अगले बरस तू जल्दी आ के नारे के साथ भगवान गणेश का विसर्जन क्रतिम कुंड में किया गया।