भारत एक आध्यात्मिक देश है। आध्यात्म, संस्कृति और संस्कृत भाषा, देश की आत्मा कहे जा सकते हैं। विश्वप्रसिद्ध न्यूमरोलॉजिस्ट जे पी तोलानी बताते हैं कि भारतीयों ने प्राचीन काल से ही नियति के जड़ में छिपे रहस्यों को खंगालने और अपना भविष्य जानने की लालसा दिखाई है। भारतीयों की इसी लालसा ने ज्योतिष विद्या को जन्म दिया है। जिसमें ग्रहों की चाल का सूक्ष्म अध्ययन करके, मानव और भौतिक जीवन पर होने वाले, उनके प्रभावों को जानने-समझने का प्रयत्न किया गया है। हालांकि इस क्रम में यह भी अनुभव किया गया कि मानव जीवन में ग्रहों के साथ-साथ अंकों का भी विशेष महत्व है, और इसके रहस्य व ताकत को जानने के लिए हजारों वर्षों से अध्यन जारी है। ज्योतिष विद्या ने अंकों के महत्व को बखूभी समझा है, और अंक ज्योतिष की महत्ता, जागरूकता के साथ तेजी से बढ़ी है।
अंक ज्योतिष से मिली नाम बदलने की सलाह, बदल गया भाग्य
एक से नौ तक के प्रतीक अंक, किसी न किसी गृह से संबंधित होते हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर अंक और ज्योतिष विद्या, एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। आज कल अंक शास्त्र के माध्यम से लोग कुछ विशेष कामों में अंकों की मदद ले रहे हैं। वहीं न सिर्फ आम आदमी, बल्कि देश विदेश की कई जानी मानी हस्तियां भी अंक ज्योतिष विद्या पर विश्वास जता रहीं हैं। बॉलीवुड की कई नामचीन हस्तियों ने अंक ज्योतिष की मदद से अपने भाग्य को बदलने में सफलता हासिल की है। बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन से लेकर आयुष्मान खुराना तक ने अपने नाम की स्पेलिंग में बदलाव कर, अंकों के फेर को अपने खेमे में किया है। दमदार अदाकारा, रानी मुखर्जी पहले अपने सर नेम को mukherji लिखती थीं, जबकि अब mukerji लिखती हैं। इसके अलावा बॉलीवुड के अन्ना सुनील शेट्ठी, जो 60 की उम्र पार करने के बाद भी फिटनेस के मामले में बड़े बड़ों को मात दे रहे हैं। पहले वो अपना नाम Sunil लिखते थे लेकिन बाद में Suniel कर लिया। इसके अलावा इसके अतिरिक्त मल्टी टैलेंटिड कहे जाने वाले अभिनेता जावेद जाफरी भी पहले अपना नाम Javed Jaafery लिखा करते थे, लेकिन फिर उन्होंने इसे बदलकर Javed Jaffrey कर लिया। जावेद ने अपने सरनेम से A हटाया और F जोड़ लिया।
नाम बदलाव में आगामी समय का विशेष महत्व
जे पी तोलानी के अनुसार, नाम में बदलाव करने की प्रक्रिया में आने वाले समय अपना विशेष महत्व रखता है। बॉलीवुड सेलेब्स में तुषार कपूर या विवेक ओबेरॉय कुछ ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने समय का ध्यान नहीं रखा या आने वाले सायकल का ध्यान नहीं रखा, इसलिए उन्हें मनोवांछित परिणाम नहीं मिल। इसका एक सबसे सटीक उदाहरण राजकुमार राव का लिए जा सकता है, अपनी तगड़ी एक्टिंग के लिए खूब वाहवाही लूटने वाले अभिनेता राजकुमार राव ने भी अपने नाम की स्पेलिंग में बदलाव किया था। पहले वो RajKumar लिखते थे लेकिन बाद में उन्होंने इसे RajKummar कर लिया था। जिसने उन्हें 2018 तक तो सफलता दिलाई लेकिन आगामी समय को ध्यान में न रखकर किये गए इस बदलाव ने उन्हें हिट के लिए संघर्ष करने पर मजबूर किया है। वहीं करिश्मा कपूर ने अपने नाम से H हटा दिया था। पहले वो Karishma लिखती थीं, जबकि अब सिर्फ Karisma लिखती हैं। जिसका उन्हें एक वक्त तक मनोवांछित फल भी मिला।
मूलांक व भाग्यांक का विशेष महत्व, ऐसे पहचाने भाग्यशाली अंक
न्यूमरोलॉजिस्ट जे पी तोलानी के मुताबिक, अंक ज्योतिष में जन्म तारीख से निकले मूलांक और भाग्यांक के आधार पर सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। मान लीजिए किसी व्यक्ति का जन्म 03 दिसंबर 1992 को हुआ है, तो उस व्यक्ति का मूलांक 0+3= 3 आएगा। जबकि तारीख 03 = 0+3 = 3, महीना = 12 = 1+2 = 3 और सन् = 1992 = 1+9+9+2 = 21 = 2+1 = 3। इन तीनों को जोड़ने से (3+3+3), 9 संख्या आई। हमने इससे सूक्ष्म संख्या 9 निकाल ली। यानी भाग्यांक 9 हुआ। अंक ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि भाग्यांक 1 के लिए भाग्यशाली वर्ष वही सिद्ध होंगे जिनका योग 1 होता है या फिर मित्र अंकों से संबंधित वर्ष भी बेहतर सिद्ध होते हैं, जैसे 1 भाग्यांक के लिए सन् 1999, 2008, 2017 उत्तम सिद्ध होंगे और उसके मित्र अंक 3, 5, 7 सहायक सिद्ध होंगे।
भाग्यांक से जानें मित्र व शत्रु अंक
जे पी तोलानी के अनुसार, अंक 1 का मित्र अंक 2 3, 9 हैं। जबकि इसके शत्रु अंक 6 व 8 माने जाते हैं। वहीं 2 का मित्र अंक 1 और 5 को माना जाता है। जबकि इसका शत्रु अंक किसी भी अंक को नहीं माना गया है। इसी प्रकार 3 का मित्र अंक 1, 2 व 9 हैं। जबकि इसके लिए शत्रु अंक 5 व 6 को माना गया है। इसी प्रकार अंक 4 का मित्र अंक 6 व 8 को माना जाता है। जबकि इसके शत्रु अंक 1, 2 व 9 होते हैं। 5 का मित्र अंक 1 व 6 होते हैं, और इसका शत्रु अंक 2 माना जाता है। इसी क्रम में आगे अंक 6 का मित्र अंक 5,8,4,7 को बताया गया है। जबकि इसका शत्रु अंक 1 व 2 माना जाता है। वहीं अंक 7 का मित्र अंक 9 तथा 6 है और इसका शत्रु अंक 1 2 8 व 4 माने जाते हैं। इसके अलावा अंक 8 का मित्र अंक 5, 6, 4 माना जाता है। 1, 2, 9,7 को शत्रु अंक माना जाता है। और अंत में 9 का मित्र अंक 1, 3 और 7 को माना जाता है। जबकि इसके लिए शत्रु अंक 5 और 4 को माना जाता है।