डेढ़ करोड़ भूमि पर कब्जा कर बनाया मैरिज गार्डन चला बुलडोजर
रिपोर्टर प्रदीप गुप्ता
धीनगर इलाके में एक कारोबारी ने शासकीय भूमि पर कब्जा कर मैरिज गार्डन बना लिया था। साथ ही बाउंड्रीवाल भी खड़ी कर दी थी। इसको लेकर पिछले दिनों जिला प्रशासन ने कारोबारी को अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए थे। इसके बावजूद शासकीय भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया गया था। इससे शनिवार को अवैध अतिक्रमण पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाते हुए डेढ़ करोड़ की शासकीय भूमि को मुक्त कराया है। कार्रवाई के दौरान कारोबारी और पार्षद ने विरोध किया। हालांकि पुलिस बल की मौजूदगी में नगर निगम अमले ने अतिक्रमण हटा दिया है।
एसडीएम बैरागढ़ मनोज उपाध्याय ने बताया कि पीपलनेर गांव क्षेत्र में साईं मैरिज गार्डन बना हुआ है। इसके मालिक रमेश हिंगोरानी ने 16 हजार वर्गफीट पर अतिक्रमण कर रखा था। उसने आरसीसी बाउंड्रीवाल और गार्डन बना लिया था। रमेश को इस संबंध में अतिक्रमण हटाने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन उसने निर्देश का पालन नहीं किया। इससे कलेक्टर अविनाश लवानिया पर उच्च न्यायालय से पारित आदेश अनुसार 16 हजार वर्गफीट में से 12 हजार 388 वर्गफीट पर अवैध रूप से बनाए गए मंच और बाउंड्रीवाल को तोड़ा गया है। कार्रवाई नगर निगम अमले और पुलिस की मदद से कराई गई है। उक्त भूमि की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है।
रमेश हिंगोरानी के द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने जब नगर निगम और प्रशासन का अमला पहुंचा तो उन्होंने कार्रवाई का भारी विरोध किया। इस दौरान वार्ड नंबर एक के पार्षद लक्ष्मण राजपूत भी मौके पर पहुंचे। यहां उनकी एसडीएम मनोज उपाध्याय और तहसीलदार गुलाब सिंह से बहस भी हो गई। पार्षद लक्ष्मण ने तहसीलदार पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने रमेश को नोटिस भेजा और 30 लाख रुपये की मांग की थी। रुपये नहीं देने पर उसके मैरिज गार्डन को तोड़ दिया गया है, जबकि मैं आधा दर्जन से अधिक शिकायतें गांधीनगर में पसरे अतिक्रमण की कर चुका हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूर्व में हटाए गए अतिक्रमण की जगह पर फिर से लोगों ने कब्जा कर लिया है।
तहसीलदार गुलाब सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश और कलेक्टर के निर्देश पर कार्रवाई की गई है। उन्हें पहले सूचित किया था लेकिन शासकीय भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया तो कार्रवाई की गई है। वह आरोप 30 लाख का क्या, 50 लाख रुपये का भी लगाते रहें, कार्रवाई तो जारी रहेगी। जल्द ही शासकीय भूमि पर पसरे अन्य अतिक्रमण पर भी प्रशासन का बुलडोजर चलेगा।
कार्रवाई के विरोध में कारोबारी के बेटे योगेश हिंगोरानी ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। वह गांधीनगर मंडल में कोषाध्यक्ष थे। उनका कहना है कि उनका 70 साल से जमीन पर कब्जा है। यह सिंधी विस्थापितों की जमीन है। हम पट्टे की मांग करते आ रहे हैं, जबकि सरकार घोषणा कर चुकी है कि 10 साल से जो जहां रह रहा है, उसको हटाया नहीं जाएगा
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