हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है। अक्षय नवमी का व्रत दीपावली के ठीक 10 दिन बाद मनाई जाती है। शास्त्रों में इस दिन का बहुत महत्व बताया गया है। कहते हैं कि अक्षय नवमी के दिन किए गए कार्यों का अक्षय फल प्राप्त होता है। अक्षय नवमी को इच्छा नवमी, आंवला नवमी, कूष्मांड नवमी, आरोग्य नवमी और धातृ नवमी के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय नवमी का व्रत करने से सुख-शांति, सद्भाव और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता है। आंवला नवमी के दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व होता है। तो यहां जानिए कि इस साल अक्षय नवमी का पर्व कब मनाया जाएगा।
अक्षय नवमी के दिन आंवला पेड़ की पूजा क्यों होती है?
अक्षय नवमी के दिन किसी पवित्र नदी या तीर्थ स्थल पर जाकर स्नान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। अगर ऐसा संभव नहीं है तो घर पर ही अपने नहाने वाले पानी में थोड़ा-सा गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं। अक्षय नवमी के दिन आंवला पेड़ की पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन आंवला पेड़ के नीचे खाना खाने का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले पेड़ से अमृत बूंदें टपकती हैं, जो कि सेहत के लिए अति उत्तम माना जाता है। इसलिए इस दिन लोग आंवला पेड़ के नीचे बैठकर खाना खाते हैं।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि का आंरभ 9 नवंबर को रात 10 बजकर 45 मिनट पर होगा। नवमी तिथि का समापन रात 9 बजकर 01 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार अक्षय नवमी का पर्व 10 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। एम पी न्यूज कास्ट एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)