उमरिया जिले के वन क्षेत्र में हाथियों की मृत्यु की घटना दु:खद है, घटना क्षेत्र में वन राज्य मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों की टीम को भेजा गया था, जिनके द्वारा प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई है। हाथियों की पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आना अभी बाकी है।
सीधी, उमरिया जिले व आसपास बड़े पैमाने पर हाथियों के दल की गतिविधियां बढ़ी हैं, ऐसे में अधिकारियों को सजग रहने की जरूरत है। पहले से आ रहे हाथियों के दलों को लेकर लापरवाही बरतने पर फील्ड डायरेक्टर और प्रभारी एसीएफ को सस्पेंड किया गया है।
मध्यप्रदेश में हाथियों के दल के स्थायी प्रबंधन के लिए टास्क फोर्स बनाकर दीर्घकालीन योजना बनाने का निर्णय लिया है, इसमें विशेष प्रबंधन के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिस को शामिल किया जाएगा।
बफर एरिया और मैदानी इलाकों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए सोलर फेंसिंग कराने के वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
हाथी मित्रों का दल बनाने का भी निर्णय लिया गया है।
ऐसी घटनाओं में जनहानि होने पर प्रदेश सरकार ने 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता बढ़ाकर 25 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है। हाथियों के हमले की घटना में हुई दो व्यक्तियों की मृत्यु पर प्रदेश सरकार ने पीड़ित परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का निर्णय लिया है।
ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए विशेषज्ञों को भी बुलाया जा रहा है।
हाथियों का दल अब स्थायी रूप से मध्यप्रदेश में रहने लगा है, प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि इसके लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जागरुकता अभियान भी चलाए जाएंगे।