रिपोर्ट इंद्र कुमार पटेल
आदिवासी क्षेत्र ढीमरखेड़ा में भ्रष्टाचार चरम
तहसील ढीमरखेड़ा अंतर्गत ग्राम मगेली भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलंद है!
समिति प्रबंधक के ऊपर आरोप था कि आदिवासियों के अंगूठे लगाकर गरीबों के राशन का गबन किया, जांच में सत्य पाया गया!
यह भ्रष्टाचार का मामला थमा नहीं था कि नया मामला संज्ञान में आया! किसानों को D A P की बोरी में MRP रेट 1250 रुपए प्रिंट है लेकिन डीएपी की बोरी किसानों को 1475 में दी जाती है MRP से अधिक कीमत लेकर खाद बेची!
ढीमरखेड़ा क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, यहाँ के लोगों का शिक्षा स्तर कमजोर है, शिक्षा व जागरूकता की कमी का फायदा उठाते हुए, गरीब आदिवासियों के हक के राशन, बीच एवं खाद का गबन निरंतर किया जाता है! भृष्टाचार में हेडलाइन बने लोग मानो खुद को सरकार समझ बैठे है! सेल्समैनों को एक कमाई का बड़ा जरिया बना हुआ है क्योंकि इस क्षेत्र में किसान जागरूक नही है!
आदिवासियों के राशन पर निरंतर हो रही डकैती की लगातार शिकायत के बाद प्रशासन का मौन होना किस बात को दर्शाता है
सवाल यह है कि आखिर कौन बनकर आयेगा गरीब आदिवासियों का भगवान् आखिर कौन दिलायेगा इन्हें न्याय!