उमरियापान:- डिप्थीरिया से बचाव के लिए स्कूली बच्चों को टीका लगाने का अभियान गुरुवार से शुरू हुआ।इस दौरान पांचवीं एवं ग्यारहवीं कक्षा के बालक-बालिकाओं को टीडी का टीका लगाया गया। बीसीएम जितेन्द्र डोडवे ने बताया कि ढीमरखेड़ा विकासखंड के 35 सरकारी स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुँची और पहले 730 छात्र छात्राओं को टीडी का टीका लगाया गया। इसके लिए अलग अलग 35 टीमें बनाई गई। सरकारी स्कूलों में प्रत्येक गुरुवार को शालेय टीकाकरण दिवस होगा। इसमें पहले 5वीं और 11वीं के छात्रों को टीडी जबकि बाद में पहली के छात्रों को डीपीटी का टीका लगाया जाएगा।उमरियापान बीएमओ ड़ॉ. बीके प्रसाद ने बताया कि बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षित कर जानलेवा बीमारियों से मुक्त रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। शासन का उद्देश्य प्रदेश में डिप्थीरिया के केसों के बचाव और नियंत्रण के साथ बच्चों को शत-प्रतिशत डिप्थीरिया मुक्त बनाना है। जिसके लिए टीकाकरण की शुरुआत हो गई है।जो निरंतर जारी रहेगा। बीएमओ ने बताया कि डिप्थीरिया (गलघोटू) बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। इसमें श्वास लेने में तकलीफ से पीड़ित बच्चों में 70 प्रतिशत की मौत हो जाती है। टीकाकरण ही इसका बचाव है। पहले यह बीमारी पांच वर्ष की उम्र तक होती थी, जिससे बचाव के लिए डीपीटी का टीका लगाया जाता था। अब यह बीमारी, 15-16 वर्ष तक की उम्र तक भी देखने को मिल रही है।इस बीमारी से बचाव के लिए अब 10 और 16 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को टीडी (टिटनेस, डिप्थीरिया) का टीका लगाया जा रहा है।
रिपोर्टर राजेंद्र कुमार चौरसिया धीमरखेडा कटनी