नर्मदापुरम। शिवशम्भू की पवित्र नगरी पचमढ़ी में नागपंचमी मेला में महाराष्ट्र, म०प्र० एवं अन्य राज्यों से लाखों की संख्या में श्रद्धालू नागद्वरी के स्वामी के मंदिर प्रकृति के सौंदर्य को निहारते हुये दर्शन हेतु लगातार पहुंच रहे हैं। 10 दिवस तक चलने वाले नागपंचमी मेले में जिला प्रशासन द्वारा यथासंभव व्यवस्था की जा रही है।
भक्तों को शुद्ध पेय जल की व्यवस्था भी पानी टेंकरों के माध्यम से की जा रही है, पूरे मेला क्षेत्र में साफ सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जगह जगह ब्लिचिंग, चूना पाउडर का छिडकाव किया जा रहा है तथा जलगली, काजरी, चिंतामन तथा नागद्वारी स्थल पर साफ सफाई निरंतर करायी जा रही है।
वन विभाग द्वारा वर्षा के चलते खराब हुए मार्ग को वाहनों हेतु सुगम व दुरस्त किया जा रहा है जिससे जिप्सियों एवं अन्य वाहनों का आवागमन सुगम हो रहा है
महादेव मेला समिति में केंट्रोल रूम से मेला क्षेत्र में होने वाली समस्त गतिविधियों पर निरन्तर नजर बनाये रखा है। उच्चाधिकारियों द्वारा प्रतिदिन बैठक कर मेले का अपडेट लिया जा रहा है एवं मेला क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को तत्परता से हल किया जा रहा है। अस्थाई निशुल्क विश्राम टेंट जो अधिक वर्षा के चलते खराब हो गये थे उन्हें पुनः श्रद्वालुओं के विश्राम हेतु तैयार कर लिया गया है।
साडा पचमढ़ी की जल प्रदाय शाखा द्वारा भी भक्तों को पूर्ण मेला क्षेत्र में शुद्ध पेयजल मिल सके उस हेतु सप्लाई निरंतर बनायी रखी गई है।
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय नर्मदापुरम द्वारा वाहनों की चेकिंग कर ओवरलोडिंग को रोकने की हिदायतें दी जा रही है जिससे मेले में वाहनों का सुचारु एवं सफल संचालन में विशेष सहयोग प्राप्त हो रहा है।
नागद्वारी मेला 2024 में समस्त विभागों के द्वारा अपने अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा के साथ पालन किया जा रहा है अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिपरिया एवं पदेन सचिव महादेव मेला समिति पचमढ़ी निरंतर कार्यालय में अधिक से अधिक समय देकर मेले की व्यवस्थाओं पर पैनी नजर बनाए हुए है।
मेले के आठवें दिन भी भक्तों की अपार भीड़ से पचमढ़ी में “हर भोला हर हर महादेव “के जयकारे लगाते नागद्वार दर्शन हेतु पधारे भक्तों से पूरा पचमढ़ी भक्तिमय हो रहा है। आज नागपंचमी होने से लाखों श्रद्धालूओं के आने की संभावना है जो दर्शन हेतु नागद्वार पहुँचंगें।
श्रद्धालूओं के कथन अनुसर एसी मान्यता है कि पदमशेष वासूकी नाग अपनी देवियों चित्रशाला एवं चिंतामणी के साथ निवास करते थे। नागद्वार में पदमशेष की पूजा हलवा एवं नारियल से की जाती है तथा अग्नी द्वार एवं स्वर्गद्वार में नींबू की भेट दी जाती है। भक्तो का कहना है कि यहाँ मांगी गई हर मानता पूर्ण होती है। यहां पर गुप्त गंगा तथा हनुमान गिरी नामक स्थान भी मौजूद है, जिनकी पूजा भी महाराष्ट्र, बैतूल, छिंदवाडा आदि से आये श्रीद्वालुओं द्वारा की जाती है।
जिला प्रशासन द्वारा ड्युटी पर लगाये हर विभाग से हजारों कर्मचारी भारी वर्षा में भी दुर्गम स्थानों पर तैनात हैं, भारी बरसात के बीच भक्तगणों की यात्रा सुगम एवं आनंदमयी हो रही है।
पुलिस प्रशासन एवं शासकीय अमला का भी भक्तगणों को आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है, जिससे भक्तगणों को किसी भी प्रकार का कष्ट न हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है एवं भक्तों की अपार भीड़ के उपरान्त भी उच्चाधिकारियों द्वारा स्वंय मौका स्थल पर खड़े रहकर मार्ग सुचारू एवं गतिमय बनाए हुए है। इसी प्रकार मेला क्षेत्र में भी पुलिस प्रशासन मुस्तैद है। इसी प्रकार चिकित्सा विभाग द्वारा निर्धारित स्थलो पर भक्तों को चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराकर कर्मठता एवं सुझारू तथा तनमन लगाकर भक्तों को सेवा की जा रही है।
महादेव मेल समिति द्वारा समस्त व्यवस्थाओं जैसे भोजन, पानी एवं साफ सफाई हेतु लगाए, सफाई कर्मियो के द्वारा मेला क्षेत्र में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। विभिन्न स्थानों पर निःशुल्क भण्डारों के संचालन में प्रशासन द्वारा सफाई कर्मी एवं चूना ब्लीचिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
नागद्वारी मेला क्षेत्र में महाराष्ट्र राज्य से आये सेवा मंण्डलो द्वारा मेले में आने वाले श्रद्वालुओ के लिये निःशुल्क रात्रि विश्राम, भोजन एवं प्रसादी की व्यवस्था की गई है।
मेले में किसी भी आपातकालीन आपदा से निपटने के लिये जिला डिस्ट्रिक होमगार्ड एवं सिविल वालंटियर्स के लगभग 80 जवान, जिला स्वास्थ विभाग द्वारा 20 चिकित्सा अधिकारी के साथ 30 सहायक चिकित्सक विभिन्न स्थलों पर उपलब्ध हैं।
आठवें दिन तक लगभग 403 वाहनों को परमिट प्रदाय किया गया है जिससे भक्तों को न्यूनतम दर पर बस स्टाप से जलगली तक छोडा जा रहा है।