रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग उपार्जन स्लॉट बुकिंग से वंचित जिले के 18586 किसानों में से सिर्फ 9555 किसानों की ही स्टॉल बुकिंग हो पाई है। किसानों की पुरजोर मांग सहित सांसद, विधायकगणों द्वारा मुख्यमंत्री को किसानों की समस्या अवगत कराए जाने के पश्चात गुरुवार को सुबह 8:45 पर खुला पोर्टल करीब 9:50 पर बंद हो गया। किसान मजदूर महासंघ के पदाधिकारीयो की संबंधित अधिकारियों से निरंतर चर्चाओं के उपरांत दोपहर 2:30 पर फिर पोर्टल खोल गया। जिसमें सभी वेयरहाउसों की उपार्जन क्षमता पूर्ण होने के कारण आधे से ज्यादा किसान का स्लॉट बुक नहीं हो पाया है। तत्संबंध में किसान मजदूर महासंघ के प्रदेश मंत्री रमाकांत मीणा ने बताया कि गुरुवार को सर्वर की समस्या के कारण किसान सारे दिन परेशान होते रहे एवं फोन से एक दूसरे से संपर्क में रहे। अभी भी राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा मांग उठाई गई हैं कि 24,25 एवं 26 तारीख तक जिन किसानों की स्लॉट बुक थी और सर्वर बंद होने के कारण वह अपनी बेची गई मूंग का बिल नहीं बनवा पाए एवं ऐसे किसान जिनमें एक बिल निकल गया है और सेकंड बिल के लिए पोर्टल बंद हो गया है। उनके द्वारा तोली गई मूंग वेयरहाउस में ही रखी है। उन किसानों की समस्याओं का आज भी कोई हल नहीं निकला । जिले स्तर के सारे अधिकारियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए है। ऐसा लग रहा है कि सरकार किसानों के साथ छैल बिल्यीया का खेल खेल रही है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ द्वारा उठाई गई 3 मांगों मे से सिर्फ एक मांग स्टॉल बुकिंग का ऑप्शन खोला गया। उसमें भी सर्वर को व्यस्त कर दिया गया। सारे दिन किसान परेशान होते रहे है। किसान मजदूर महासंघ अपनी मांगों पर आज भी कायम है और आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार किसानों को अपमानित किया जा रहा है।इस प्रकार का धोखा करना ठीक नहीं है। अब आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर है। महासंघ के प्रदेश मंत्री रमाकांत मीणा ने कहा है की सरकार को पोर्टल खोलने के लिए मजबूर किया जाएगा एवं आने वाले 1 या 2 दिन के अंदर नर्मदापुरम जिले में महा आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। शीघ्र ही जिला कार्यकारिणी एवं किसान मजदूर महासंघ के सभी सदस्यों की बैठक का आयोजन कर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसकी समस्त जवाबदारी शासन एवं प्रशासन की होगी।