गिट्टी एवं रेत का अवैध भंडारण करने एवं उल्लंघन प्रमाणित होने पर उल्लंघनकर्ता पर 13 लाख 32 हजार रूपये की शास्ति अधिरोपित
कलेक्टर श्री शीलेन्द्र सिंह द्वारा कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत एक प्रकरण में अनावेदक आशीष अग्रवाल पिता हरेराम अग्रवाल प्रो.बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल द्वारा म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अनुसार गिट्टी और रेत का अवैध भंडारण करने और अवैध भंडारण का उल्लंघन प्रमाणित होने पर प्रावधान अनुसार अनावेदक बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल पर अर्थदंड और पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की कुल शास्ति राशि की दुगुना राशि 13,32000 रुपए अधिरोपित की गई है।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि खनिज अधिकारी छिंदवाड़ा के माध्यम से प्रस्तुत यह प्रकरण सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त शिकायत की जांच से संबंधित है। जिसमें खनिज निरीक्षक के प्रतिवेदन दिनांक 18 जनवरी 2022 के अनुसार तहसील तामिया में ग्राम सर्रापानी से काराडोम तक आर.ई.एस. द्वारा 3 किमी सड़क निर्माण का कार्य विगत एक वर्ष से बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी द्वारा किया जा रहा है। मौके पर जांच के दौरान निर्माणाधीन सड़क के किनारे लगभग 60 घनमीटर खनिज रेत एवं 60 घनमीटर खनिज गिट्टी भंडारित पाई गई थी और इस दौरान शिकायत कर्ता उम्रखान एवं बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपरवाइजर ईशार उलहक उपस्थित थे। जांच के दौरान भंडारित रेत एवं गिट्टी के भंडारण संबंधी कोई वैधानिक दस्तावेज/रॉयल्टी पर्ची प्रस्तुत नहीं की गई थी। सड़क निर्माण में कंपनी द्वारा खनिज रेत और गिट्टी के भंडारण की अनुमति नहीं लिए जाने एवं अवैध रूप से रेत व गिट्टी का भंडारण पाया जाने पर अनावेदक पर प्रकरण दर्ज कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
प्रकरण में खनिज अधिकारी और खनि निरीक्षक छिंदवाड़ा द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन एवं अनावेदक द्वारा प्रस्तुत जवाब एवं संलग्न दस्तावेजों का सूक्ष्मता से परिशीलन एवं अवलोकन करने के उपरांत म.प्र.खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के अध्याय 5 नियम 18(2) एवं (4) के अनुसार उल्लंघनकर्ता बालाजी कंस्ट्रक्शन कंपनी घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल पर रेत और गिट्टी खनिज का अवैध भंडारण पाये जाने पर नियमानुसार प्रशमन राशि रुपए 1000, खनिज गिट्टी के लिए 108000 रुपए का अर्थदंड व 108000 रुपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि और खनिज रेत के लिए 2,25000 रुपए का अर्थदंड व 2,25000 रुपए की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति राशि को मिलाकर कुल 6,67000 रुपए की शास्ति अधिरोपित करने हेतु प्रस्तावित किया गया। लेकिन अनावेदक द्वारा प्रशमन स्वीकार नहीं किए जाने के कारण नियम के प्रावधान अनुसार अर्थशास्ति एवं पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के कुल योग 6,66000 रुपए की दुगुना राशि 13,32,000 रूपए की शास्ति अधिरोपित की गई है।