कालापीपल(बबलू जायसवाल)पुलिस की जिम्मेदारी यह है कि किसी भी मामले में जप्त होने वाले वाहनो को सुरक्षित रखना होता है,इसके चलते थाने में अनेक वाहन जमा होने के साथ-साथ वाहन कंडम स्थिति होते जा रहे हैं।वाहन धीरे-धीरे अंत में सड़कों पर चलने लायक भी नहीं बचेंगे।लेकिन पुलिस की परेशानी यह है कि इन वाहनो के लिए वह स्वयं कोई निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है,इसके लिए पुलिस को न्यायालय के आदेश की प्रतिक्षा करना होती है। पुलिस विभाग द्वारा वाहनों पर की जाने वाली कार्यवाही अदालत में प्रकरण होने के कारण कई वर्षों तक थाने में सड़ते रहते है।वही कुछ वाहन ऐसे होते है जो लावारिस अवस्था में होते है,जिसे वाहन वाले मालिक छुड़ाने के लिए थाने में भी नही आते या फिर छुड़ाना नही चाहते। जिसके कारण ऐसे वाहन थाने में कई वर्षों से सड़ रहे है। अधिकांश अच्छा वाहन भी कबाड़े में बिकने वाला हो जाता है।यदि इन वाहनों की जल्द निलामी करवा दी जाए,तो इन वाहनों से अच्छा खासा राजकोष मिल सकता है।
लाखों रुपए के वाहन थाना प्रांगण में सड़ रहे वाहन….।
पुलिस द्वारा कई प्रकरण में वाहनों को पकड़ा जाता है। जिसमें दो पहियां वाहनों की हालत पुलिस थाने में रखे वाहनों से अंदाजा लगाया जा सकता है।पुलिस द्वारा
कार्रवाई के चलते वाहनों में से अधिकांश वाहन पुरी तरह सड़ चुके है।वही जो वाहन अभी अच्छी स्थिति में वह भी अव्यवस्था के कारण धीरे-धीरे सड़ रहे हैं।पुलिस द्वारा कई मामलों में वाहनों को जप्त किया जाता है।जिसमें चोरी के वाहन,लुट,दुर्घटना आदि में लावारिस हालत में मिलने वाले वाहन शामिल है।जिसको पुलिस अपनी कस्टडी में ले लेती है।इनमें से कुछ तो वाहन मालिक के द्वारा नियमनुसार छूट जाते है,लेकिन अधिकांश वाहन ऐसे भी है जो वर्षों से थाने में सड़ रहे है।