कटनी (19 जून) – शासन से पट्टे पर मिली ग्राम खडौली स्थित खसरा नंबर 89 रकवा 0.67 हेक्टेयर भूमि को कलेक्टर से अनुमति प्राप्त किये बिना जमीन का विक्रय करने के कलेक्टर कोर्ट मे प्रचलित एक मामले मे सुनवाई करते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने शासकीय भूमि के पट्टे की शर्तो का उल्लंघन कर अन्य व्यक्ति को जमीन ब्रिक्री किये जाने के कारण प्रकरण के अंतिम निराकरण होने तक अंतरिम व्यवस्था के तहत भूमि को शासकीय मद में दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया है।
ये है मामला
ग्राम खडौली स्थित भूमि खसरा नंबर 89 रकवा 0.67 हेक्टेयर भूमि अनुसूचित जाति वर्ग के फुंदा पिता सुनैया निवासी घंघरीकला को राज्य शासन द्वारा शासकीय पट्टे पर भूमि दी गई थी। जो खसरा के कालम नंबर 12 मे अहस्तांतरणीय दर्ज भी है। लेकिन भूमिस्वामी फुंदा पिता सुनैया द्वारा 30 मई 2005 को ग्राम खम्हरिया निवासी पन्नालाल यादव को जमीन का रजिस्टर्ड विक्रय कर दिया गया। इस जमीन के विक्रय के लिए मध्यप्रदेश भू- राजस्व संहिता के प्रावधान के अनुसार यदि कोई भूमि सरकारी पट्टेदार के रूप मे दखल मे रखने का किसी व्यक्ति को राज्य सरकार या कलेक्टर द्वारा अधिकार दिया जाता है तो ऐसी शासकीय भूमि का अंतरण कलेक्टर के बिना अनुज्ञा प्राप्त किये इसकी ब्रिकी नहीं किये जा सकने का प्रावधान है।
कलेक्टर कोर्ट मे फुंदा पिता सुनैया द्वारा उल्लेखित भूमि के विक्रय के संबंध मे किसी सक्षम अधिकारी से अनुमति प्राप्त करने संबंधी कोई भी आदेश या अनुमति और दस्तावेज कलेक्टर श्री प्रसाद के कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नही ंकिया जा सका। भूमि की बिक्री के लिए कलेक्टर की अनुमति आवश्यक थी, वह भी नहीं ली गई। इस प्रकार शासकीय पट्टे पर प्राप्त भूमि के विक्रय किये जाने से मध्यप्रदेश भू- राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया जाना प्रमाणित होता है। इस संबंध मे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी ने ग्राम खडौली स्थित भूमि खसरा नंबर 89 रकवा 0.67 हेक्टेयर भूमि के लिए जारी पट्टा निरस्त करते हुए भूमि को मध्यप्रदेश शासन के पक्ष मे शासकीय घोषित किये जाने की अनुशंसा सहित प्रतिवेदन कलेक्टर कोर्ट मे प्रस्तुत किया गया।
भू राजस्व संहिता का उल्लंघन
इस मामले का सूक्ष्म परिशीलन करते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद ने पाया कि फुंदा पिता सुनैया निवासी घंघरीकला शसकीय पट्टेदार के तौर पर दर्ज है। साथ ही खसरा अभिलेख वर्ष 2024-25 मे उल्लेखित भूमि अहस्तांतरणीय दर्ज है। इसलिए सक्षम अनुमति प्राप्त किये बिना पट्टे में प्राप्त शासकीय भूमि के विक्रय के मध्यप्रदेश भू- राजस्व संहिता का उल्लंघन पाया गया। जबकि प्रावधानों के अनुसार अपवादों को छोड़कर अन्य कोई व्यक्ति पट्टे या आवंटन की तारीख से 10 वर्ष की कालावधि के भीतर भूमि अंतरित नहीं कर सकेगा और उसके बाद भी सक्षम अधिकारी से अनुज्ञा प्राप्त कर ही भूमि अंतरित कर सकेगा। इस मामले मे शासकीय पट्टेदार फुंदा पिता सुनैया द्वारा कलेक्टर की अनुज्ञा के बिना किया गया विक्रय पूर्णतः अवैधानिक मानते हुए कलेक्टर ने 0.67 हेक्टेयर भूमि को शासकीय मद मे जारी करने का आदेश पारित किया है।
साथ ही कलेक्टर श्री प्रसाद द्वार भू राजस्व संहिता की धारा 182 के तहत फुंदा पिता सुनैया निवासी घंघरी कला को सूचना पत्र जारी कर कहा गया है कि क्यों न पट्टे की शर्तो का उल्लंघन करने पर प्रदाय पट्टा निरस्त कर दिया जाये।